नई दिल्ली. ऑनलाइन ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर उत्पादों एवं सेवाओं के फेक रिव्यू से उपभोक्ताओं को बचाने के लिए वह मानक परिचालन प्रक्रिया लेकर आएगी. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के सचिव रोहित कुमार सिंह ने ई-कॉमर्स कंपनियों एवं अन्य संबंधित पक्षों के साथ इस मुद्दे पर हुई एक बैठक की. इसमें फेस रिव्यू से संभावित ग्राहकों को गुमराह करने के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की गई. इस दौरान एहतियाती कदमों उठाने को लेकर भी चर्चा की गई.
इस बैठक में मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव निधि खरे, अन्य वरिष्ठ अधिकारी, ई-कॉमर्स कंपनियों, उपभोक्ता संगठन और विधि कंपनियों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि इस संबंध में कोई एसओपी है या नहीं.
अधिकारी ने कहा कि इस संभावना पर भी गौर किया जा रहा है कि फर्जी समीक्षाओं से उपभोक्ताओं को निजात दिलाने के लिए किस तरह के मानक परिचालन सिद्धांत बनाए जा सकते हैं. अधिकारी ने बताया कि इस बैठक में शामिल हुए सभी पक्षों से सलाह देने को कहा गया है. उसके आधार पर मंत्रालय उपभोक्ता हितों को सुरक्षित रखने के लिए एक एसओपी तैयार करेगा.
वहीं बताया जा रहा है कि फ्लिपकार्ट, अमेजऩ, टाटा, रिलायंस रिटेल जैसे प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉम्र्स भी जांच के दायरे में शामिल हैं. इस बैठक से पहले रोहित कुमार ने यूरोपीयन यूनियन में 223 बड़ी वेबसाइट पर ऑनलाइन रिव्यू की स्क्रीनिंग सभी पक्षधारकों के साथ साझा की थी.
स्क्रीनिंग में सामने आया था कि करीब 55 प्रतिशत वेबसाइट्स ईयू की बिजनेस प्रैक्टिस को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करती हैं. इनमें 144 वेबसाइट ने फेक रिव्यू पर लगाम कसने के लिए कोई प्रयास नहीं किए हैं. कई दफा ऐसा हुआ कि किसी बगैर प्रोडक्ट या सर्विस खरीदे ही उसका रिव्यू कर दिया है और वह वेबसाइट पर दिख रहा है.