कोलंबो. श्रीलंका में जारी आर्थिक और सियासी संकट के बीच आज देश के नए राष्ट्रपति का चुनाव हो गया है. रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं. विक्रमसिंघे इससे पहले 6 बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं. बीते दिनों सियासी उथल-पुथल के बीच उन्होंने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर भागने के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति की भूमिका निभा रहे थे.
राष्ट्रपति की रेस में विक्रमसिंघे का मुकाबला दुल्लास अल्हाप्पेरुमा और अनुरा कुमारा दिसानायके से था. वोटिंग स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे शुरू हुई. पहला वोट स्पीकर और दूसरा वोट रानिल विक्रमसिंघे ने डाला.
4 वोट्स थे अवैध
223 सदस्यों वाली संसद में दो सांसद नदारद रहे और कुल 219 वोट्स वैध करार दिए गए. 4 वोट्स ऐसे थे जिन्हें अवैध करार दिया गया. विक्रमसिंघे पहले दो बार राष्ट्रपति का चुनाव हार चुके हैं और अब वो देश के राष्ट्रपति बने हैं. तमिल नेशनल पीपुल्स फ्रंट के महासचिव और सांसद सेल्वरासा गजेंद्रन ने मतदान नहीं किया. कई सांसद अभी तक वोट डाल चुके हैं. मतदान के लिए सुरक्षा कड़ी की गई थी.
नवंबर 2024 तक होगा कार्यकाल
गोटबया की जगह राष्ट्रपति बनने वाला उम्मीदवार त्रिपक्षीय मुकाबले में जीत कर एक ऐसे देश का प्रमुख बनेगा जो पहले ही कंगाल हो चुका है. आईएमएफ के साथ बेलआउट पैकेज के लिए बात कर रहा है. श्रीलंका में 22 मिलियन लोग खाने, ईंधन और दवाईयों की किल्लत झेल रहे हैं. नए राष्ट्रपति नवंबर 2024 तक पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे के शेष कार्यकाल के लिए पद पर रहेंगे.
राजनीति का लंबा अनुभव रखते हैं विक्रमसिंघे
रानिल विक्रमसिंघे को राजनीति का लंबा अनुभव है. वो श्रीलंका के 6 बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं. संसद में उनकी युनाइटेड नेशनल पार्टी का केवल एक ही सांसद है. रानिल राजनीति में आने से पहले एक पत्रकार और वकील भी रह चुके हैं. 1977 में वो पहली बार आम चुनाव में विजयी होकर संसद सदस्?य बने थे. वह 1993 में पहली बार पीएम बने थे.