लखनऊ/नई दिल्ली. यूपी की योगी आदित्यनाथ कैबिनेट के दो मंत्री दिनेश खटीक और जितिन प्रसाद यूपी सरकार के कामकाज से कथित रूप से नाराज हैं. जहां जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मंत्री पद से इस्तीफा दिया है, वहीं प्रसाद के अपनी शिकायतों के बारे में बात करने के लिए आज बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की संभावना है. शाह को भेजे पत्र में खटीक ने कहा कि मैं दलित और पिछड़ा वर्ग को आगे बढ़ाने के लिए सरकार से जुड़ा था. इस सरकार में उन्हीं की उपेक्षा हो रही है. दलितों और पिछड़ों का अपमान हो रहा है. दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण मेरे किसी भी आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. इसलिए मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं.
उधर, पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद भी अपने ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) के तबादले को लेकर सरकार से खफा बताए जा रहे हैं. हालांकि, योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने इस तरह की अटकलों का खंडन किया है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार खटीक कथित तौर पर अपने विभाग में तबादलों और हस्तिनापुर में अपने समर्थकों पर एफआईआर से नाराज हैं. विभाग का नेतृत्व मंत्री स्वतंत्र देव सिंह कर रहे हैं. बताया जाता है कि खटीक ने अपना आधिकारिक आवास और वाहन खाली कर दिया और हस्तिनापुर में अपने निजी आवास में चले गए. हालांकि एसीएस नवनीत सहगल ने खटीक के इस्तीफे की खबरों को अफवाह बताया है
जितिन प्रसाद योगी सरकार के तबादलों की जांच से नाराज
सूत्रों ने कहा कि पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद भी अपने ओएसडी अनिल कुमार पांडेय के तबादले के मुद्दे पर राज्य सरकार से नाराज हैं, जिन्हें राज्य ने केंद्र को वापस भेज दिया है. इस महीने की शुरुआत में योगी आदित्यनाथ सरकार ने लोक निर्माण विभाग पर नकेल कसी. मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और अतिरिक्त मुख्य सचिव चीनी उद्योग और आबकारी संजय आर भूसरेड्डी सहित तीन सदस्यीय जांच समिति के बाद सख्ती बरती गई. यहां पैसे के बदले इंजीनियरों और अधिकारियों के तबादले किए गए. पैनल ने अपनी जांच रिपोर्ट में अनिल कुमार पांडे को दोषी ठहराया. जितिन प्रसाद के बुधवार को दिल्ली जाने और जांच के बारे में बात करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की संभावना है. जितिन प्रसाद मंगलवार को योगी कैबिनेट की बैठक में, थे लेकिन मीडिया के सामने नहीं आए.