चंडीगढ़. पंजाब पुलिस ने अमृतसर के चीचा भकना गांव में पुलिस और गैंगस्टर्स के बीच चल रहे मुठभेड़ में जगरुप रूपा, मन्नू कूसा और उनके दो सहयोगियों को मार गिराया है. इनके पास से एके-47 और बड़ी संख्या में कारतूस और मैग्जीन बरामद हुए हैं. मारे गये शूटर्स नें दो खतरनाक गैंगस्टर जगरूप सिंह रूपा और मनप्रीत सिंह उर्फ मन्नू कुसा भी हैं. ये दोनों गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल थे और पिछले दो महीने से पुलिस से भागते फिर रहे थे.
पुलिस को इनके अटारी बॉर्डर के पास के एक गांव भकना में होने की सूचना मिली. जब पुलिस ने घेराबंदी की, तो इन्होंने पुलिस पर फायरिंग शुरु कर दी. करीब 5 घंटों तक चले इस एनकाउंटर में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स और स्थानीय पुलिस ने दोनों आरोपियों को मार गिराया. इस मुठभेड़ में पंजाब पुलिस के तीन जवान जख्मी हो गए, जबकि एक कैमरामैन भी घायल हुआ है. इन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
कौन थे ये गैंगस्टर?
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक ये दोनों शूटर मूसेवाला की हत्या में मुख्य रूप से शामिल थे. मूसेवाला पर पहली गोली मन्नू कुस्सा ने ही एके-47 राइफल से चलाई थी. ये दोनों गैंगस्टर जग्गू भगनपुरिया गैंग के थे. भगनपुरिया ने मूसेवाला की हत्या के लिए इन शूटर्स को लॉरेंस बिश्नोई को मुहैया कराया था. ये दोनों करीब दो महीने से पुलिस को चकमा देते रहे. लेकिन बुधवार को पुलिस ने उन्हें घेर लिया. ये और जगरूप रूपा उन तीन संदिग्ध शूटर में शामिल थे, जो इस मामले में पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े थे. इनमें से एक दीपक मुंडी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
सूत्रों के मुताबिक कनाडा में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बरार ने आदेश दिया था कि मूसेवाला पर पहली गोली, मनप्रीत ही चलाएगा. दरअसल, मनप्रीत जब पंजाब की जेल में बंद था, तब पटियाला गैंग के सदस्यों ने जेल में इसकी जूते-चप्पलों से पिटाई की थी और उस वीडियो को वायरल कर दिया था. इसी का बदला लेने के लिए मनप्रीत ने गोल्डी बरार से पहली गोली चलाने की गुजारिश की थी.
यह है पूरा मामला
पंजाब के जाने माने सिंगर सिद्धू मूसेवाला की 29 मई को पंजाब के मनसा जिले में सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या की साजिश कथित तौर पर कनाडा में रह रहे गोल्डी बरार ने जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ मिल कर रची थी. पंजाब, दिल्ली और मुंबई की पुलिस ने हत्या के मामले में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है.