राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को अपने गृहराज्य झारखंड में ही सबसे बड़ा झटका लगा। यहां अधिकतर विधायकों ने पूर्व राज्यपाल और एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का साथ दिया। एनडीए के अलावा जेएमएम, एनसीपी और निर्दलीय विधायकों ने भी मुर्मू को ही वोट दिया। भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने दावा किया कि 75 से अधिक विधायकों के वोट द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में पड़े।
बिरंची के मुताबिक 60 से अधिक विधायकों ने एनडीए उम्मीदवार और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया। कुछ नेताओं के दावे के मुताबिक यशवंत सिन्हा को झारखंड के 20 विधायकों का वोट मिला है। झारखंड विधानसभा के 81 विधायकों में से 80 ने मतदान किया। भाजपा के सिंदरी विधायक इंद्रजीत महतो अस्वस्थ होने के कारण मतदान नहीं कर सके। एनडीए की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के लिये अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में भाजपा विधायक अनंत ओझा ने सुबह मतदान प्रारंभ होते ही ठीक दस बजे पहला वोट डाला जबकि सबसे आखिरी वोट दोपहर 3:55 बजे निर्दलीय विधायक सरयू राय ने दिया।
राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में एनडीए विधायकों ने (भाजपा और आजसू) एकजुट होकर मतदान किया। निर्दलीय सरयू राय और अमित यादव के अलावा द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में एनसीपी विधायक कमलेश सिंह ने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर द्रौपदी मुर्मू को वोट करने की बात कही है। झामुमो विधायकों ने पार्टी के ऐलान के मुताबिक द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में मतदान कर इसे गौरव का क्षण बताया। झामुमो के सभी 30 विधायकों ने उन्हें अपना वोट दिया। वहीं यूपीए प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को कांग्रेस के विधायकों के अलावा राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता और भाकपा माले विधायक विनोद सिंह का साथ मिला।