दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने जीएसटी के मामले में कारोबारियों को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क पोर्टल को 1 सितंबर से दो महीने के लिए खुला रखने का निर्देश दिया, ताकि व्यवसायियों के द्वारा टैक्स क्रेडिट का दावा किया जा सके. जुलाई 2017 में आई इस नई इनडायरेक्ट टैक्स व्यवस्था के बाद ऐसे बहुत सारे मामले पेंडिंग है. एक्सपट्र्स ने इस फैसले को लैंडमार्क बताया है.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उन कई व्यवसायों को राहत मिलेगी, जो उत्पाद शुल्क और सेवा कर की पिछली व्यवस्था में टैक्स क्रेडिट को लेकर सरकार के खिलाफ मुकदमे लड़ रहे थे, जिसका वे जीएसटी में बदलाव के बाद लाभ नहीं उठा सके. इस तरह से टैक्स क्रेडिट पाने वाले तमाम बिजनेस का मामला अटका पड़ा है.
विशेषज्ञों ने कहा कि अदालत ने सरकार को 1 सितंबर से दो महीने की अवधि के लिए संबंधित फार्म भरने की अनुमति देने का निर्देश दिया है. यह निर्णय एक चल रहे विवाद के आलोक में आया है, जिसमें कई करदाताओं ने विरोध किया था कि तकनीकी गड़बडिय़ों के कारण इन फार्मों को समय पर दाखिल नहीं किया जा सका. इस वजह से उन्हें क्रेडिट के रिटर्न पाने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है.