रायपुर। छत्तीस गढ़ के सुकमा में नक्सलियों द्वारा वहशियाना घटना को अंजाम दिये जाने पर मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे नक्सलियों की कायरतापूर्ण हरकत बताया है। और सीआरपीएफ के जवानों की शहादत पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।
सीएम ने कहा है कि सुकमा जैसे आदिवासी बहुल जिलों में राज्य सरकार द्वारा जनता की सुविधा के लिए सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा आदि के क्षेत्र में हर प्रकार के निर्माण और विकास के कार्य किए जा रहे हैं।
इससे इन जिलों की तस्वीर बदल रही है और नक्सलियों का अस्तित्व संकट में हैं। इससे घबराकर उनके द्वारा विकास कार्यों में रूकावट डालने के लिए इस प्रकार का कायरतापूर्ण और शर्मनाक हमला किया गया है।
सीएम ने कहा कि यह नक्सलियों की जन-विरोधी और विकास-विरोधी हिंसक मानसिकता का परिचायक है। रमन सिंह ने कहा है कि आज सुरक्षा बलों के हमारे जिन बहादुर जवानों ने कर्त्तव्य के मार्ग पर अपनी आहूति दी है, उनकी इस शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा।
सिंह ने कहा है कि हम छत्तीसगढ़वासी इन शहीदों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं। मुख्यमंत्री ने हमले में घायल जवानों के जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। उन्होंने अधिकारियों को घायल जवानों का बेहतर से बेहतर इलाज करवाने का निर्देश दिया है।
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने छत्तीसगढ़ में एक संदिग्ध नक्सली हमले में सीआरपीएफ के नौ कर्मियों के मारे जाने की आज निंदा की और इस घटना को बहुत ही दुखद बताया। सिंह यहां जालियांवाला बाग में शहीद उधम सिंह की एक प्रतिमा का अनावरण करने आए थे। गृह मंत्री ने ट्वीट किया कि सुकमा, छत्तीसगढ़ में आज का आईईडी विस्फोट बहुत दुखद है। राष्ट्र की सेवा करते हुए शहीद होने वाले हर सुरक्षाकर्मी को मैं नमन करता हूं।
उन्होंने ट्वीट किया कि सुकमा विस्फोट में अपनी जान गंवाने वाले कर्मियों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदना। मैं घायल जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। मैंने सुकमा विस्फोट के बारे में डीजी@ सीआरपीएफइंडिया से बात की और उनसे छत्तीसगढ़ रवाना होने के लिए कहा।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में आज नक्सलियों ने एंटी लैंडमाइन व्हीकल को विस्फोट से उड़ा दिया। इस घटना में सीआरपीएफ के नौ जवान शहीद हो गए तथा दो अन्य घायल हुए हैं। करीब साल भर पहले जिले में इसी तरह से घात लगा कर किए गए एक हमले में करीब दर्जन भर जवान मारे गए थे।