नई दिल्ली. कांग्रेस में आज से एक बड़े बदलाव की औपचारिक शुरुआत हो गई है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस मुख्यालय पहुंचकर अध्यक्ष का पद संभाल लिया। इस मौके पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मौजूद थे। इसके अलावा पार्टी के अन्य तमाम सीनियर नेता भी मौजूद थे। मल्लिकार्जुन खड़गे को अध्यक्ष पद पर बिठाने के बाद सोनिया गांधी ने राहत महसूस करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि मैं बहुत राहत महसूस कर रही हैं। यह बड़ी बात है कि एक कमजोर परिवार से आने वाले नेता को पार्टी के लोगों ने चुना है। वह अपनी मेहनत और लगन से यहां तक पहुंचे हैं। हमें यकीन है कि उनकी लीडरशिप में कांग्रेस मजबूत होगी।
सोनिया गांधी ने मैंने अभी कहा कि राहत महसूस कर रही हूं। मैं इस बात को स्पष्ट करना चाहती हूं कि आपने इतने सालों से मुझे जो प्यार और सम्मान दिया है, उसका अहसास मुझे जीवन की आखिरी सांस तक रहेगा। लेकिन यह सम्मान एक बड़ी जिम्मेदारी भी थी। मुझसे अपनी क्षमता और योग्यता के मुताबिक जो बन पड़ा है, वह किया है। करीब 22 सालों तक कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी ने कहा कि आज हमारी पार्टी के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि देश के सामने लोकतांत्रिक मूल्यों का जो संकट खड़ा हुआ है, उसका मुकाबला हम कैसे करें।
वहीं अध्यक्ष चुने गए मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया गांधी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुझे आज 10 जनवरी, 1998 का दिन याद आ रहा है, जब सोनिया गांधी ने कर्नाटक में राजनीति की दीक्षा लेने की बात कही थी। तब से आज तक वह त्याग की मूर्ति बनकर काम करती रही हैं। खड़गे ने कहा कि आज की राजनीति में झूठ का बोलबाला है और सत्ता के लिए ही काम किया जाता है। लेकिन सोनिया गांधी ने कभी भी सिर्फ सत्ता पाने के लिए सियासत नहीं की। इस दौरान भावुक नजर आए खड़गे ने कहा कि आप लोगों ने एक मजदूर के बेटे को कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर चुना है, जो अहम बात है। मुझे गर्व है कि बाबू जगजीवन राम, जवाहर लाल नेहरू और गांधी जैसे बड़े नेताओं की पार्टी के नेतृत्व का मौका मिला है।
शपथ से पहले बापू को किया नमन
पदभार ग्रहण करने से पहले खड़गे ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को भी श्रद्धांजलि अर्पित की. कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने बाद खड़गे के सामने एक तरफ राजस्थान का सियासी संकट तत्काल चुनौती बनकर खड़ा है तो अगले कुछ हफ्तों में होने जा रहे गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव भी बड़ी चुनौती हैं. वहीं, 2024 का लोकसभा चुनाव उनके लिए सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा होगा.
दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 80 वर्षीय बुजुर्ग नेता खड़गे ने 17 अक्टूबर को हुए ऐतिहासिक चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी 66 वर्षीय शशि थरूर को मात दी थी. पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था. इसमें 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का कोई व्यक्ति कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया था.
24 साल बाद गैर-गांधी नेता बना अध्यक्ष
कांग्रेस की निवर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी 24 वर्ष बाद गैर-गांधी खरगे को पार्टी की बागडोर सौंप दिया. पदभार ग्रहण करने से पहले खरगे ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की. सात सितंबर से भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के बाद राहुल गांधी पहली बार दिल्ली में कांग्रेस के किसी कार्यक्रम में शामिल हुए. वह 27 अक्टूबर से फिर से यात्रा में शामिल हो जाएंगे. भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों तेलंगाना में है.