- हाल में अधिकांशतः उप चुनावों में भाजपा की हार कोई नई बात नही
- जिस तरह से सपा-बसपा गठबंधन के हाथों भाजपा की करारी हार हुई
- क्योंकि फूलपुर सीट की हार भले ही न रखती हो इतने मायने
- योगी की गोरखपुर सीट की हार काफी हद तक दिखा गई आइने
लखनऊ। वैसे तो हाल में राज्यों के तकरीबन अधिकांशतः उप चुनावों में भाजपा की हार कोई नई बात नही है लेकिन देश के सबसे बड़े और अहम सूबे उत्तर प्रदेश में जिस तरह से सपा-बसपा गठबंधन के हाथों भाजपा की करारी हार हुई है वह वाकई काबिले गौर है क्योंकि फूलपुर सीट की हार भले ही न रखती हो इतने मायने लेकिन तकरीबन डेढ़ दशक से अधिक समय से अभेद किला माने जाने वाली सूबे के मुख्यमंत्री योगी की गोरखपुर सीट की हार काफी हद तक दिखा गई आइने, उस दम्भ और अतिउत्साह को जिसका शिकार होकर भाजपा को देखनी पड़ी ऐसी करारी हार।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की फूलपुर सीट पर हुए लोकसभा उपचुनाव का नतीजा घोषित कर दिया गया है। जहां सपा प्रत्याशी नागेंद्र पटेल ने भाजपा उम्मीदवार कौशलेंद्र पटेल को 59,613 मतों से शिकस्त दी है। वहीं इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई। साथ ही सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र में भी भाजपा को शिकस्त देखनी पड़ी है। यहां भी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार प्रवीण निषाद ने भाजपा के उपेंद्र शुक्ल को 21,881 वोटों से हरा दिया।
वहीं इन नतीजो पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर में जनता के फैसले को स्वीकारतें है। इस हार की हम समीक्षा करेंगे। सीएम योगी ने कहा कि ऐसे नतीजों कि उम्मीद नहीं थी, लेकिन जनता के फैसले को नकारा नहीं जा सकता। सीएम ने कहा कि अति उत्साह के कारण हमारी हार हुई है ओर जिसकी हम समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा चुनाव से ठीक पहले सप-बसपा के गठजोड़ को समझ नहीं पाए और दोनों ही चुनाव हमारे लिए एक बड़ा सबक है।
जबकि फूलपुर सीट में जीत के बाद समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी नागेंद्र सिंह पटेल ने बसपा सुप्रिमो मायावती की जमकर तारीफ की। नागेंद्र सिंह ने कहा कि, “बहनजी के आशीर्वाद और एक ही विचारधारा की पार्टियों के साथ आने से जीत तय हुई। बहनजी के अलावा इस जीत के लिए मैं अखिलेश यादव और फूलपुर की जनता को धन्यवाद देता हूं।”
ज्ञात हो कि गोरखपुर लोकसभा सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफा देने के कारण खाली हुई है। जबकि, इलाहाबाद की फूलपुर सीट उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफा देने के कारण खाली हुई है। इन दोनों सीटों पर 11 मार्च को उपचुनाव हुए थे। गोरखपुर में 43 प्रतिशत व फूलपुर में 37.39 फीसद वोट पड़े थे। भाजपा के लिए यह दोनों ही सीटें प्रतिष्ठा से जुड़ी थीं। मगर दोनों ही जगह उसे मुंह की खानी पड़ी।