नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज जय शाह द्वारा दायर मानहानि के मामले में वेबसाइट ‘द वायर’ को राहत देते हुए कहा कि हालांकि मैं प्रेस की आजादी का पक्षधर हूं लेकिन इसकी भी सीमा होती है। इसके साथ ही कोर्ट ने जय शाह की ओर से पत्रकार के खिलाफ दायर किए गए मानहानि के मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगा दी है।
सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि कुछ लोग सोचते हैं वो कुछ भी लिख सकते हैं। क्या ये पत्रकारिता है? उन्होने कहा कि हालांकि मैं प्रेस की आजादी का पक्षधर हूं लेकिन इसकी भी सीमा होती है। इसलिए मीडिया को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए।
इस मामले में शीर्ष कोर्ट 12 अप्रैल को फिर सुनवाई करेगा। वेबसाइट ने जय शाह के बारे मे लेख छापा था, जिस पर उन्होंने मानहानि का मुकदमा दायर किया था। कोर्ट ने पत्रकार की याचिका पर नोटिस भी जारी किया है। साथ में अंतरिम रोक लगाई है। पत्रकार ने याचिका में मानहानि का मुकदमा रद करने की मांग की है।
आपको बता दें कि एक रिपोर्ट में अमित शाह के बेटे की कंपनी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है, जिस पर नाै अक्टूबर को जय शाह ने अहमदाबाद की एक कोर्ट में मीडिया कंपनी के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया।
वहीं अमित शाह ने कहा था कि उनके बेटे की कंपनी में भ्रष्टाचार का कोई सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि जय ने एक रुपये का भी भ्रष्टाचार नहीं किया। सरकार से कोई मदद नहीं ली, जमीन या ठेका भी नहीं लिया। बोफोर्स की तरह कहीं दलाली भी नहीं की है। जांच के लिए जय खुद कोर्ट गए हैं, सौ करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा किया है।