नई दिल्ली। आधार कार्ड धारकों से जुड़ी जानकारियां चोरी होने की ताजा खबरों को खारिज करते हुए शनिवार को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कहा कि उसके डेटाबेस में कोई सेंध नहीं लगी है।
ज्ञात हो कि प्राधिकरण का बयान ऐसे समय में आया है जब प्रौद्योगिकी से जुड़े एक पोर्टलजैड डीनेट ने एक सुरक्षा शोधकर्ता के हवाले से दावा किया है कि एक सरकारी कंपनी की प्रणाली कथित तौर पर आधार कार्ड धारकों से जुड़ी जानकारियां सार्वजनिक कर रही है।
गौरतलब है कि प्राधिकरण ने कहा कि इस कहानी में कोई सच्चाई नहीं है और प्राधिकरण के डेटाबेस में किसी तरह की सेंध नहीं लगी है। आधार सुरक्षित बना हुआ है। प्राधिकरण ने जानकारियों की चोरी के दावे को पूरी तरह आधारहीन, गलत और गैर-जिम्मेदार बताया।
वहीं प्राधिकरण ने कहा कि यूआईडीएआई मीडिया में चल रही जैडडीनेट पोर्टल की रिपोर्ट पर आधारित उन खबरों को खारिज करता हैं जिनमें खुद को सुरक्षा शोधकर्ता बता रहे किसी आदमी के हवाले से कहा जा रहा है कि एक सरकारी कंपनी के तंत्र में खामी है और इसके जरिये काफी आधार कार्ड धारकों की जानकारियों में सेंध लगाई जा सकती है।
साथ ही उसने कहा कि यदि खबरों को सही भी मान लिया जाए तो सुरक्षा संबंधी दिक्कतों को लेकर उस यूटिलिटी कंपनी के तंत्र पर सवाल उठने चाहिए। उसने कहा, इसका प्राधिकरण के आधार डेटाबेस की सुरक्षा से कुछ लेना- देना नहीं है। प्राधिकरण ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के पास आपका आधार कार्ड संख्या होना कार्ड धारक की सुरक्षा के लिए कोई खतरा नहीं है और इससे वित्तीय या किसी तरह की धोखाधड़ी का भी रास्ता नहीं खुलता है।
बताया जाता है कि दरअसल ऐसा इसलिए है क्योंकि कोई भी लेन- देन कार्ड धारक की उंगलियों के निशान, आंखों की पुतलियां या वन टाइम पासवर्ड के बिना संभव नहीं है। प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडेय ने इस सप्ताह की शुरुआत में उच्चतम न्यायालय में सरकार की आधार योजना के बचाव में पावरप्वायंट प्रस्तुति दी थी।