डेस्क्। किसी को हिस्से में मकां चाहिए! किसी को हिस्से में दुकां चाहिए!!
नालायक औलादों के इस दौर में बहुत कम को ही अपने हिस्से में मां चाहिए!!
इतना ही नही अब इस दौर में अपने जमाने की मशहूर फिल्म दीवार का वो डॉयलाग कि “मेरे पास मां है” भी कहने वाला कोई माई का लाल जल्दी नजर नही आता। आपके सामने एक ऐसा किस्सा है कि जिसे सुनकर और सोचकर शायद एक पल को आपका दिल सिहर जाए और आंख पानी से भर जाए लेकिन वहीं दो औलादें ऐसी भी हैं जिनकी आंखों पर हवस की ऐसी पट्टी पड़ी है कि जिसके चलते उन्होंने अपनी 92 साल की मां को 41 डिग्री तापमान में चिलचिलाती धूप के बीच सड़क पर छोड़ दिया।
गौरतलब है कि जीवन की सांझ देख रही एक बुजुर्ग महिला को छोटे बेटे ने घर से निकाल दिया और बड़े बेटे ने भी रखने से इनकार कर दिया। अपना सामान लिए 92 साल की श्यामबती सड़क पर लोगों से मदद मांगते नजर आई। इतना ही नहीं, तमाशबीन बने बेटे मां की पीड़ा को देखते रहे। यह देख लोगों को वृद्धा पर दया आ गई। गर्मी को ध्यान में रखते हुए रैन-बसेरा समुदायिक भवन में उनके रहने की व्यस्था की गई।
वहीं मोहल्ले वालों के मुताबिक कुछ वर्षों पूर्व वृद्ध महिला के पति की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद दोनों बेटों में विवाद चलता रहा। इसी बीच छोटे बेटे ने मां को अपने साथ रखने की बात कह कर मकान अपने नाम करा लिया और फिर बेच दिया। इसके बाद वह किराये के मकान में अलग रहने लगा, कुछ दिनों तक तो मां को अपने साथ रखा। अब उसे सड़क में छोड़ दिया है। दूसरा बेटा भी मां को साथ नहीं रखना चाहता।
जबकि वहीं लड़खड़ाती जुबान और आंखों में आंसू लिए महिला ने प्रतिष्ठित खबरनवीसों एक टीम के साथ अपने दर्द को साझा किया। उन्होंने बताया कि दोनों बेटों ने आपसी विवाद में मुझे घर से बाहर निकाल दिया है। इस उम्र में अब मैं कहां जाऊं, न ही मेरे पास रहने की व्यवस्था है, न ही खाने की।
वहीं जब खबरनवीसों एक टीम ने जब लाचार मां से मिलने के बाद उनके दोनों बेटों से भी मुलाकात की। बातचीत में दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे। कोई भी मां को अपने साथ नहीं रखना चाहता। दोनों ने हिस्से-बंटवारे के साथ मां की जिम्मेदारी की गठरी भी एक-दूसरे पर लाद दी है, लेकिन दोनों में से कोई इस जिम्मेदारी को उठाने के लिए तैयार नहीं है। बड़े बेटे ने कहा कि मकान का पूरा स्र्पया छोटे भाई के पास है, तो मैं मां को क्यों अपने साथ रखूं।