नई दिल्ली। PNB महाघोटाले के बाद से देश में जिस तरह से एक के बाद एक घोटालों के सामने आने की बाढ़ सी आ गई है उससे साफ जाहिर होता है कि देश की बैंकिग व्यवस्था में बल्कि खासकर कर्जा दिये जाने में किस कदर खेल और घालमेल किये गये हैं। ऐसा ही एक और मामला सामने आया है जब एक पिता ने अपने दो बेटों के साथ मिलकर एक-दो नही बल्कि 11 बैकों को तकरीबन 2654 करोड़ का चूना लगाया है। जिसके तहत उक्त आरोपी एस.एन भटनागर की कंपनी Diamond Power Infrastructure Ltd के खिलाफ सीबीआई ने बैंक फ्रांड के मामले में केस दर्ज कर लिया है।
उल्लेखनीय है कि कंपनी के मालिक भटनागर पर आरोप है कि उन्होंने अपने दोनों बेटों के साथ 11 बैंकों को करीब 2654 करोड़ का चूना लगाया है। सीबीआई ने डायमंड कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर, ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर और कई लोगों पर केस दर्ज कर लिया है। सीबीआई के मुताबिक, कंपनी ने लोन लेते समय मुख्य बैंक को अपने झूठी स्टॉक स्टेटमेंट पेश की थी। वहीं केस दर्ज होने के बाद से ही सीबीआई वडोदरा में उनके ऑफिस और उनके रहने वाली जगहों पर तलाशी कर रही है। आपको बता दें कि कंपनी तारों और दूसरे इलेक्ट्रिक चीजें बनाती है। हाल ही में National Company Law Tribunal ने कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया है।
बेहद अहम और गौर करने वाली बात यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इस कंपनी को ब्लैकलिस्ट किए जाने के बावजूद कंपनी को ऋृण दिया गया। साथ ही आरोप यह लगाया जा रहा है कि डायमंड कंपनी ने अपने प्रबंधन के जरिए साल 2008 से 11 बैंकों के कंसोर्टियम से धोखाधड़ी कर क्रेडिट की सुविधा ली। कंपनी तब भी लोन और क्रेडिट सुविधाओं को लेते रहे जबकि यह साफ दिखाई दे रहा था कि वह आरबीआई की ब्लैकलिस्ट में है। जबकि 2008 में कंसोर्टियम के गठन के समय, एक्सिस बैंक अवधि ऋण के लिए प्रमुख बैंक था और बैंक ऑफ इंडिया, कैश क्रेडिट सीमा के लिए प्रमुख बैंक था।तभी से कंपनी ने बैंको से लोन लिया और यह सिलसिला 2016 जून तक चलता रहा।