नई दिल्ली। यह देश के लोकतंत्र का दुर्भाग्य ही है कि जिन माननीय को हम सुनहरे भविष्य के सपने बुन कर और बड़े ही मन से चुनकर सदन एवं संसद में भेजते हैं उन माननीय ने ही आज सिथति बेहद दयनीय बना कर रख दी है। अब इससे शर्मनाक और खेदजनक बात क्या होगी कि सदन को अखाड़ा बनाने वाले माननीयों का जब इससे जी नही भरा तो संसद परिसर तक को अछूता नही रखा अब वे सभी संसद परिसर में एक दूसरे के खिलाफ प्रदर्शन में भी जुटने लगे हैं।
गौरतलब है कि संसद परिसर अब पार्टियों के लड़ने का अखाड़ा बन चुका है। जैसा कि ज्ञात हो कि पूर्व में जहां विपक्षी पार्टियों द्वारा पहले संसद में मोदी सरकार की नाकामियों को लेकर संसद परिसर में प्रदर्शन किया था। वहीं अब केन्द्र सरकार के माननीय विपक्ष पर संसद न चलने को लकर संसद परिसर पर प्रदर्शन कर रहे है।
इस सिलसिले में संसदीय कार्यों के मंत्री अनंत कुमार ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी हमेशा नकारात्मक और लोगों को बांटने वाली राजनीति करती है। कांग्रेस का सरकार को लेकर विरोध इस हद तक बढ़ गया कि उन्होंने संसद को नहीं चलने दिया। हम कांगेस द्वारा पिछले 23 दिनों मे संसद में न हुए कोई काम को लेकर प्रदर्शन करेंगे।
वहीं पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि संसद का पूरा सत्र बेकार गया, कोई काम नही हो पाया। जितेंद्र सिंह ने नाम लिए बगैर कांग्रेस पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि मुट्ठी भर लोगों की वजह से हम लोगों की अपेक्षाओें को सफल करने में नाकाम रहे।
बेहद अहम बात है कि विपक्षी दल भी कई दिनों से संसद परिसर में मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला-बोल रहे हैं। विपक्षी दलों की कई मांगे किसानों का कर्ज माफ, बैंक घोटालों, आदि को लेकर विपक्ष सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रही है। आज संसद का आखिरी दिन है और ऐसे में सभी एक एक-दूसरे के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे है तो जनता के हित में कौन से कार्यों को किया जाएगा। यह अभी भी ठहरा हुआ सवाल है।