लखनऊ। वैसे तो उत्तर प्रदेश में सरकार ने शराब को लेकर कई बेहतर और अच्छे फैसले लिए हैं जिसके तहत जहां शराब की दुकानों के लिए कारोबार का समय चार घंटे कम कर दिया गया है। साथ ही एक बड़ा बदलाव किया है कि अगर अन्य राज्य की एक से ज्यादा सील्ड बोतल के साथ पकड़े गए तो फिर खैर नही है। सरकार के इन फैसलों का कई संगठन समर्थन कर रहे हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साल सितंबर में यूपी एक्साइज एक्ट, 1910 में संशोधन किया था ताकि अन्य राज्यों से शराब का आयात कम किया जा सके। नए कानून के मुताबिक अन्य राज्यों से शराब की एक से अधिक बोतल ले जाना गैर जमानती अपराध है। जिसके तहत अधिकतम पांच साल की सजा के साथ पांच हजार रुपये का जुर्माना और दस गुना जुर्माना लगाया जाएगा। हालांकि यह नियम खुली बोतलों पर लागू नहीं होते हैं।
ज्ञात हो कि किसी भी व्यक्ति को यूपी में दूसरे राज्यों से एक समय में केवल एक ही शराब की यूनिट लाने की इजाजत है और यह भी केवल उपभोग के लिए होगी, बिक्री के लिए नहीं। अगर एक से अधिक सील लगी बोतल पाई जाती है तो यह माना जाएगा कि यह बिक्री के लिए है और शराब की तस्करी के आरोप लागू किए जा सकते हैं। जबकि यह नोएडा और गाजियाबाद के लोगों के लिए आम बात है, जो कि पड़ोसी दिल्ली से शराब ले आते हैं क्योंकि राजधानी में शराब सस्ता है। आईजीआई हवाई अड्डे से लौटने वाले कई यात्री यहां अपनी शराब खरीदते हैं।
वहीं गुरुवार को प्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि राज्य में शराब की दुकानों को अब दोपहर में ही खोला जाएगा और रात दस बजे बंद होंगी। शराब के कारोबार का समय पहले नौ बजे से शाम 11 बजे तक का था। कारोबार के घंटो में कमी करने के इस कदम का कई संगठन समर्थन कर रहे हैं। उनके मुताबिक शराब की खुदरा बिक्री के लिए घंटों को कम करने का मकसद अच्छा है। निवासियों अब सुबह में शराबियों की हुड़दंगबाजी से बचाया जा सकता है।