लखनऊ। उन्नाव गैंग रेप मामले में जारी लीपापोती पर आज कोर्ट की टिप्पणी काफी भारी पड़ी है क्योंकि इस मामले में सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार से पूछा है कि आप स्पष्ट बतायें कि रेप के आरोपी विधायक को आप गिरफ्तार करेंगे या नहीं। इतना ही नही बल्कि कोर्ट ने सरकार को यह बताने के लिए एक घंटे का समय दिया है।
गौरतलब है कि इससे पूर्व आज प्रधान सचिव (गृह) अरविंद कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और बताया कि यह केस सीबीआई को सौंप दिया गया है और सीबीआई ही यह तय करेगी कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार किया जाये या नहीं। वहीं इस दौरान ओपीसिंह (डीजीपी) ने कहा कि कुलदीप सिंह सेंगर को बचाने का कोई प्रयास नहीं हो रहा है। हम बस यह कह रहे हैं कि हमें दोनों पक्षों की बात सुननी होगी। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज हो गयी है और केस सीबीआई को सौंप दिया गया है, तो अब उनकी गिरफ्तारी पर निर्णय भी वही करेंगे।
जबकि वही मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने पर पीड़िता ने कहा कि सीबीआई जांच होगी यह अच्छा है। लेकिन सबसे विधायक की गिरफ्तारी हो. वह बहुत प्रभावशाली व्यक्ति है, वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं. आज भी मुझपर कई सवाल उठाये जा रहे हैं। जबकि मेरे पिता की हत्या तक हो चुकी है। ऐसे में मुझे कैसे न्याय मिलेगा। मैं अपने चाचा और भाई की सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं। गौरतलब है कि भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा है कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर लगे आरोपों की जांच हो और अगर वे दोषी पाये गये तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
इसके साथ ही आज नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की. उन्नाव की पुलिस अधीक्षक पुष्पांजलि देवी ने बताया कि विधायक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं तथा पॉक्सो कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है। उन्होंने बताया कि विधायक के खिलाफ मकसी पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 ( बलात्कार ), 366 ( विवाह के लिए या यौन संबंध बनाने के लिए विवश करना), 363 (अपहरण) और 506 (आपराधिक धमकी देना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
वहीं हालांकि कल देर रात उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्नाव बलात्कार मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया जिसमें भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नाम आरोपी के रूप में शामिल है। यह कदम ऐसे समय आया जब सेंगर नाटकीय ढंग से पुलिस के सामने पेश हुए , लेकिन समर्पण करने से मना कर दिया। नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में विधायक कुलदीप सिहं सेंगर की कथित संलिप्तता के कारण बढ़ती मुश्किल के बीच राज्य सरकार ने विधायक और अन्य आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का भी फैसला किया था, जिसपर आज सुबह कार्रवाई हुई। एसआईटी की रिपोर्ट के बाद ही सीबीआई जांच का फैसला लिया गया है. कल इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी के पत्र पर राज्य सरकार से घटना पर उसका रुख पूछा और मामले की सुनवाई कल तक के लिए स्थगित कर दी थी।
इसके अलावा जबकि योगी सरकार ने उन्नाव जिला अस्पताल के दो डॉक्टरों को निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिये हैं. जेल अस्पताल के भी तीन डॉक्टरों पर भी कार्रवाई की गाज गिरी है जिन पर पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप है। इसके साथ ही क्षेत्राधिकारी सफीपुर, कुंवर बहादुर सिंह भी लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिए गए हैं। शासन ने एसआईटी के साथ जेल डीआईजी और उन्नाव जिला प्रशासन से भी रिपोर्ट मांगी थी।