जयपुर के लोगों ने जलसमाधि की तरह जमीन समाधी ले ली है. गांधी जयंती के दिन अपनी जमीन बचाने के लिए किसानो ने राजस्थान सरकार इन किसानों की जमीन पर कॉलोनी बसाने के लिए लेना चाहती है लेकिन ये किसान अपनी जमीन नहीं देने के लिए पिछले कई दिनों से आंदोलन पर थे लेकिन आज 22 किसानों ने जमीन खोदकर खुद को उसमें गाड़ रखा है. साथ ही धमकी दी है कि अगर सरकार नहीं मानी तो 22 सौ किसान जमीन समाधि लेंगें. हालात बिगड़ते देख सरकार ने मौके पर पुलिस लगा दी है.जयपुर सीकर हाइवे पर जयपुर विकास प्राधिकरण की आवासीय योजना को लेकर है किसान यहां सामाधि लिए हुए हैं. वसुंधरा सरकार किसानों की खेती की जमीन लेकर कालोनी बसाने जा रही है. जिन किसानों को सरकार ने अपनी जमीनें सरेंडर करने के लिए नोटिस थमाया है वो अब विरोध करने के लिए जमीन समाधि ले रहे हैं. कई किसानों ने तो खुद को गर्दन तक जमीन में गाड़ रखा है.नींदड में खेती की जमीन की अधिग्रहण योजना के खिलाफ किसानो का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. किसानों ने ज़मीन अधिग्रहण के ख़िलाफ़ जमीन में समाधि लेकर धमकी दी है कि जब तक सरकार और जयपुर विकास प्राधिकरण हमारी जमीन की अधिग्रहण को निरस्त नहीं करेंगे तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा.जमीन बचाओ संघर्ष समीति के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जबतक सरकार हमारी जमीनें नहीं लौटाती तबतक इसी तरह जमीन में गड़े रहेंगे. गुस्साए किसानों ने योजना बसाने के लिए सरकार ने जो सड़क बनाई थी उसे भी किसानों ने उखाड़ दिया जिसके खिलाफ सरकार ने मुकदमा करने की धमकी दी है.
राजस्थान सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के अंदर आने वाले जयपुर विकास प्राधिकरण ने करीब 1350 बीघा में कॉलोनी काटने के लिए किसानों की जमीन लेने के लिए नोटिस थमाया है.जिसमें मुआवजा नही लिया उन किसानों के पैसे कोर्ट में जमा करवाकर बेदखली शुरु कर दी है जिसके खिलाफ किसान आंदोलित हैं.किसानों का आरोप है कि सरकार अपनी जेब भरने के लिए किसानों के पेट पर लात मार रही है. किसानों को औनेपौने भाव में मुआवजा देकर मोटी रकम लेकर बाजार में लोगों को कॉलोनी बनाकर बेचेगी. हालांकि एडिशनल डीसीपी रतन सिंह मौके पर पहुंचे और किसानों की समस्या सुनी और किसानों को बताया कि आपकी समस्या पुलिस प्रशासन के उच्चाधिकारियों को बताई जाएगी और जेडीए के अधिकारियों को आपकी समस्या से अवगत कराया जायेगा.