लखनऊ। आज लखनऊ में शहीद पथ पर बने यूपी हंड्रेड के विशालकाय भवन में पुलिस की आपातकालीन सेवा यूपी हंड्रेड के पहले स्थापना दिवस पर कई कार्यकर्मों का आयोजन किया गया। इस मौके पर यूपी हंड्रेड के एडीजी आदित्य मिश्रा ने एक प्रेस वार्ता का भी आयोजन किया। प्रेस वार्ता में आपातकालीन सेवा की उपलब्धियों को बड़े पर्दे पर प्रेजेंटेशन के माध्यम अधिकारियों द्वारा बताये गये।
गौरतलब है कि 10 जनवरी यानि आज ही के दिन लखनऊ के शहीद पथ पर बने विशालकाय भवन में पुलिस की आपातकालीन सेवा यूपी हंड्रेड की शुरुआत हुई थी। हालांकि इस सेवा के शुरुआत में इसकी थोड़ी बहुत शिकायतें भी आई थी। खासकर इसके रेस्पोंस टाइम को लेकर सवाल उठे थे लेकिन धीरे- धीरे इन कमियों को दूर कर लिया गया। वर्तमान में इसका रेस्पॉन्स समय साढ़े 15 मिनट हो चुका है। कहीं-कहीं तो इसका रेस्पॉन्स 3 से 4 मिनट का होता है। संभवतः इसीलिए यह अनूठी सेवा लोगों के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है।
एडीजी श्री मिश्रा ने बताया कि यूपी हंड्रेड वर्तमान में सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म से जुड़ी हुई है। यह सेवा सिर्फ हिंसा, अपराध और अपराधियों के लिए नहीं है बल्कि जरूरतमंद लोगों के लिए भी बेहद कारगर साबित हो रही है। दरअसल इस सेवा को एम्बुलेंस और फायर विभाग से भी जोड़ा गया है। ऐसे में कोई भी जरूरतमंद एम्बुलेंस यह फिर दमकल विभाग की सहायता लेना चाहता है तो उसे अलग से उन सेवाओं के लिए नंबर नहीं डॉयल करना पड़ेगा बल्कि यूपी हंड्रेड पर कॉल करने पर ही यह सेवा पीड़ित को मिल जाएगी।
आदित्य ने बताया कि यूपी 100 में अगर एक साथ 600 कॉल आई तो भी वह बिजी नहीं रहेगा। यूपी 100 का सर्वर,13 पीआरआई लाइन में मौजूद है। 110 सिम बैकअप के लिए मौजूद रहते हैं। यूपी 100 में शुरुआत में 7000-8000 कॉल शिकायतें आती थी। एक साल में यूपी 100 में रोज़ाना लगभग 13000 से 45 लाख कॉल आती है।
उन्होंने बताया कि बैंगलरू में डाटा बैक का प्रोविसन है। यूपी 100 में इस वक्त 46 सर्वर है। बैंगलरू में 23 सर्वर मौजूद है। यूपी हंड्रेड का एयरटेल और वोडाफोन कंपनी से टाईअप है। यूपी 100 इमरजेंसी सर्विसेस के कनेक्ट में रहता है। यूपी 100 का प्रोजेक्ट 23 सौ करोड़ का है।
उन्होंने कहा कि अगर एम्बुलेंस पाने के लिए यूपी 100 डायल किया तो यूपी 100 की ज़िम्मेदारी से एम्बुलेंस की सेवा प्रदान कराएगा। आने वाले समय मे 1600 बाइकस भी लांच करेंगे। यूपी 100 में एक साल में 47,39,796 केस आए। डॉयल 108 में 1500 एम्बुलेंस और यूपी 100 में 3000 एम्बुलेंस कनेक्टेड है। यूपी 100 में अगर कॉल करेंगे तो ज़रूरतमंद को ज़रूर मदद मिलेगी। यूपी 100 में एक साल में सुसाइड होने की 15954 शिकायतें दर्ज हुई। यूपी 100 में तैनात जवानों ने मौके पर जाकर 858 लोगों की ज़िंदगी बचाई ।
एडीजी आदित्य ने कहा कि यूपी 100 की पीआरवी की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि कल रात भी मेरे पास पीआरवी द्वारा चेकिंग करने की शिकायत मिली।, पीआरवी के पास सिर्फ गश्त और शिकायत पर जाने का ही प्राविधान है। पीआरवी द्वारा सड़क पर चेकिंग लगाना गलत है। अगर ऐसी कोई शिकायत मिलती है तो उन पर सख्त कार्रवाई होगी।