नई दिल्ली! नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार अपनी महत्वाकांक्षी योजना, नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम (एनएचपीएस) के लिए आधार की जरूरत को फिलहाल टाल दिया है. लिहाजा सरकार लोगों को आधार या पहचान पत्र के बिना ही योजना का लाभ देगी. मोदीकेयर का लाभ पाने के लिए लाभार्थी के पास केवल राशन कार्ड होना ही पर्याप्त माना जाएगा. इसके अलावा वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड या फिर दूसरे सरकार द्वारा निर्धारित पहचान पत्र के जरिए भी परिवार को लाभर्थियों की सूची में डालने की अनुमति होगी.
संबंधित अधिकारी ने कहा कि आधार को अनिवार्य ना बनाने का निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि इसके साथ संवेदनशीलता जुड़ी हुई है. सुप्रीम कोर्ट में 12 अंकों के यूनिक बायोमैट्रिक नंबर को चुनौती देने के लिए कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं. जिसमें कहा गया है कि यह गोपनीयता पर हमला करता है और लाभ से लोगों को वंचित करता है जैसे कि सब्सिडी राशन. सरकार का कहना है कि आधार चोरी की जांच, यह सुनिश्चित करना कि जरूरतमंद तक लाभ पहुंचे और भ्रष्टाचार से मुक्त रखने के लिए जरूरी है.
सरकार ने पहले ही एनएचपीएस के लिए डाटा इक_ा करना शुरू कर दिया है. जिसके तहत उस गरीब परिवार को 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा जिसकी पहचान सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) के आंकड़ों के आधार पर होगी. करीब 101 मिलियन परिवारों और 500 मिलियन लोगों को आयुष्मान भारत का लाभ मिलेगा. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 19 अप्रैल तक हरियाणा और उत्तर प्रदेश के एसईसीसी सत्यापन के काम को पूरा किया जाना है.