नई दिल्ली। देश में अचानक हुई नकदी की समस्या पर 24 घण्टे काम किया जा रहा है जिसके तहत देश के चारों नोट छपाई करखानों में तेजी से काम जारी है। बताया जाता है कि देश में अनुमानित आधार पर 70,000 करोड़ रुपए की नकदी की कमी को पूरा करने के लिए इस हफ्ते मशीनें 500 और 200 रुपए के नोटों की अनवरत छपाई कर रही हैं।
इस बाबत सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक देश के कुछ राज्यों में नकदी की तंगी के बीच सरकार ने नोटों की छपाई का काम तेज कर दिया है। चारों नोट छपाई कारखानों में 24 घंटे काम हो रहा है। जैसा कि अमूमन भारतीय प्रतिभूति मुद्रण और मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) के चारों छपाई खाने औसतन दिन में 18 से 19 घंटे काम करते हैं, सिर्फ तीन से चार घंटे का ही विराम होता है। लेकिन नकदी की अचानक बढ़ी मांग और एटीएम मशीनों में नकदी खाली होने के चलते यह मुद्रणालय हफ्ते के सातों दिन और 24 घंटे काम कर रहे हैं। आम तौर पर मुद्रा को प्रिंट किए जाने का चक्र 15 दिन में होता है। इस हफ्ते से जिन नोटों की छपाई शुरु हुई है वह बाजार में इस माह के आखिर तक ही उपलब्ध हो सकेंगे।
इसी के साथ ही भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने आज कहा कि कुछ राज्यों में सामने आ रही नकदी की कमी की समस्या का समाधान कल तक कर लिया जाएगा। इन राज्यों में नकदी भेजी जा रही है। कुमार ने कहा कि कुछ इलाके ही ऐसे हैं जहां नकदी की कमी से एटीएम मशीनें चलाने में दिक्कत आ रही है या जहां कुछ विशेष तरह के नोटों की कमी है।
उन्होनें कहा कि ‘‘यह कोई सार्वभौमिक नकदी की कमी वाली समस्या नहीं है। यह तेलंगाना और बिहार जैसे इलाकों में हैं। हमें उम्मीद है कि यह समस्या कल तक सुलझ जाएगी क्योंकि नकदी को भेजा जा रहा है और यह इन राज्यों में आज शाम तक पहुंच जाएगी।’’ इस हफ्ते की शुरुआत में वित्त मंत्रालय ने कहा था कि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और बिहार जैसे देश के कुछ राज्यों में अचानक से नकदी की मांग बढ़ गई है। इस महीने के शुरुआती 13 दिनों में 45,000 करोड़ रुपए की मांग बढ़ गई है।
मुख्य रूप से इस कमी के लिए नकदी को अपने पास रोक लेने वाले लोग जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि लोग यदि नकदी निकालते हैं तो उन्हें इसे वापस बैंक में भी जमा कराना होता है। यदि ऐसा नहीं होता है तो फिर हम कितनी भी नकदी की आपूर्ति कर लें यह देश के लिए अपर्याप्त ही रहेगी। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि सरकार को संदेह है कि 2,000 रुपए के नोट की जमाखोरी की जा रही है। क्योंकि यह नोट वापस बैंकिंग तंत्र में नहीं लौट रहा है। नकदी की तंगी से निपटने के लिए 500 रुपए के नोट की छपाई पांच गुणा तेज कर दी गई है।