नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी किसी भी बात, आलोचना या घटना पर अपनी प्रतिक्रिया तुरंत व्यक्त नही करते वो बखूबी उसका मंथन कर तब कोई जवाब देते हैं। अपनी इसी खूबी के तहत हाल के कुछ दिन पूर्व कांग्रेस अधयक्ष राहुल गांधी द्वारा संसद में 15 मिनट का समय दिये जाने के बयान पर आज जोरदार हमला बोलते हुए PM मोदी ने राहुल की चुनौती के बदले उनके लिए ही चुनौती पेश कर दी है। क्योंकि मोदी ने कांग्रेस पर वंशवाद की राजनीति करने और देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनौती दी कि वह 15 मिनट तक कर्नाटक सरकार की उपलब्धियों को गिनाएं।
राहुल प्रधानमंत्री ने गांधी पर हमला करते हुए कहा कि वह नामदार हैं और उन्हें कामदारों की मेहनत पर भरोसा नहीं है। वह वंशवाद की राजनीति से आकर नए-नए कांग्रेस अध्यक्ष बने हैं इसलिए अध्यक्ष बनने के बाद अति उत्साह में मर्यादा तोड़ रहे हैं। पीएम ने कहा कि राहुल आधी-अधूरी जानकारी के साथ मैदान में उतरते हैं। जिनको वंदे मातरम् की जानकारी नहीं वे कामगारों को क्या समझेंगे।
मोदी ने दक्षिण कर्नाटक के चामराजनगर में विशाल चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कर्नाटक की जनता से कांग्रेस को हटाकर भाजपा को राज्य की सत्ता सौंपने का आह्वान किया और वादा किया कि भाजपा कर्नाटक में सभी को सुशासन देगी और भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाएगी।
पीएम ने राहुल गांधी को चुनौती देते हुए कहा ‘मैं राहुल गांधी को चुनौती देता हूं कि वो बिना किसी पेपर को पढ़े कर्नाटक में कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों को ही 15 तक गिनाएं, फिर चाहे वो हिंदी में बोलें या अंग्रेजी में या फिर अपनी मां की मातृभाषा में बोल दें। इस दौरान वो कम से कम 5 बार विश्वेस्वरैया का नाम लें।’
उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कांग्रेस के नए-नए अध्यक्ष कई बार अतिउत्साह में मर्यादा तोड़ देते हैं। मुझे दिन रात गालियां देते रहते हैं। लेकिन गाली देने वाले बताएं कि आजादी के बाद सेअब तक 4 करोड़ के पास आज तक बिजली क्यों नहीं पहुंची।’
पीएम ने आगे कहा, ‘2005 में जब केंद्र में सोनिया गांधी की सरकार थी तब डॉ.मनमोहन सिंह ने कहा था कि वो 2009 तक पूरे देश में बिजली पहुंचाएंगे, क्या हुआ उस वादे का? हमने देखा कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह के साथ किस तरह का व्यवहार किया। ऑर्डिनेंस फाड़ दिया और अपमान किया।’
पीएम ने अपने संबोधन में राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर भी हमला बोला और कहा कि राज्य में ना तो लॉ है और ना ऑर्डर है। यहां तो लोकयुक्त तक सुरक्षित नहीं है तो फिर आम आदमी कैसे सुरक्षित होगा। कर्नाटक में एक नया 2 प्लस वन फॉर्मूला प्रयोग में लाया जा रहा है। यह कांग्रेस की परिवारवादी राजनीति का वर्जन है। कभी-कभी जागने वाले और ज्यादातर सोने वाले यहां के मुख्यमंत्री का यह राजनीतिक इनोवेशन है। कांग्रेस नेताओं के रिश्तेदार चुनाव लड़ रहे हैं और इससे आम आदमी को चोट पहुंच रही है।
पीएम ने आगे कहा कि कांग्रेस हमेशा विकास में रोड़े अटकाती है। उसकी फितरह है अटकाना, लटकाना और भटकाना। वो विकास में भी राजनीति करती है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि दिल्ली तक यह बात आई है कि कर्नाटक में भाजपा की लहर नहीं बल्कि आंधी है। 28 अप्रैल का दिन देश के इतिहास में दर्ज हो गया क्योंकि उस दिन देश के आखिरी गांव को बिजली मिल गई।
बता दें कि प्रधानमंत्री आज राज्य में तीन चुनावी रैलियां करेंगे। भाजपा ने कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों में से 150 पर जीत का लक्ष्य निर्धारित किया है। इतनी सीटों का लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की 17 रैलियों की योजना बहुत सोचसमझ कर तैयार की गई है। चुनाव घोषित होने के बाद पहली बार एक मई को प्रधानमंत्री की तीन रैलियां होने जा रही हैं। इनमें से एक रैली मध्य कर्नाटक में, दूसरी दक्षिण क्षेत्र एवं तीसरी हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र में होगी।
मध्य कर्नाटक के चामराज नगर जनपद में भाजपा हमेशा से कमजोर रही है। एससी/एसटी बहुल यह क्षेत्र चंदन तस्कर वीरप्पन के प्रभाव वाले कोल्लेगाल वन से सटा हुआ है। इसी क्षेत्र के दलित नेता श्रीनिवास प्रसाद राज्य की कांग्रेस सरकार से काबीना मंत्री पद से हटाए जाने के बाद भाजपा में शामिल हो चुके हैं। उन्होंने घोषणा की है कि वह चुनाव तो नहीं लड़ेंगे, लेकिन इस क्षेत्र से कांग्रेस को उखाड़ फेकेंगे। बता दें कि श्रीनिवास प्रसाद अटल की राजग सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं।
कर्नाटक में विकास से भटककर जाति और संप्रदाय केंद्रित तीखी हो रही चुनावी राजनीति के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अपनी पहली रैली से ही अनुसूचित जाति और लिंगायत जैसे दो सबसे अहम व करीब 45 फीसदी आबादी वाले समूहों को संदेश देंगे। उनकी पहली रैली सानतेमराहाली में होगी जो न सिर्फ देश के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में शुमार है बल्कि विधानसभा क्षेत्र और संसदीय क्षेत्र भी आरक्षित है। इस चामराजनगर संसदीय क्षेत्र के अंदर ही वह हाईप्रोफाइल वरुणा सीट भी आती है जो मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की वर्तमान सीट है। इतना ही नहीं इस सीट से टिकट आवंटन को मुद्दा बनाकर कांग्रेस लिंगायत वोट को तोड़ने में भी जुटी है।