लखनऊ। इस बार यूपी बोर्ड की हाई स्कूल तथा इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में बेहद चौंकाने वाली दिलचस्प बात सामने आई है कि प्रदेश के तकरीबन 150 स्कूलों में किसी के भी पास न हो पाने की नौबत आई है।
गौरतलब है कि यूपी बोर्ड ने 0% रिजल्ट देने वाले स्कूलों की सूची जारी कर दी है। उत्तर प्रदेश के 150 ऐसे स्कूल रहे, जहां पढ़ने वाले एक भी छात्र पास नहीं हो सके। यानी 150 स्कूल के सभी स्टूडेंट्स फेल हो गए हैं। इनमें सिर्फ प्राइवेट ही नहीं सरकारी स्कूल भी शामिल हैं। बोर्ड द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, अब ऐसे विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
बोर्ड के अलावा संबंधित कालेज के जिला विद्यालय निरीक्षक उन्हें प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करेंगे और विद्यालय के खराब प्रदर्शन पर जवाब मांगेंगे । इनके जवाब के बाद बोर्ड कार्रवाई करेगा। बोर्ड द्वारा इस खराब प्रदर्शन पर स्पष्ट कर दिया गया है कि शून्य परिणाम देने वाले विद्यालयों मे यह तो साफ है कि यहां पढ़ाई को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है, ऐसे में इन पर कार्रवाई करना आवश्यक है।
वैसे तो अभी तक आपने बेहतर परिणाम देने वाले टॉप शहरों के नाम देखे होंगे, लेकिन 0% रिजल्ट देने वाले स्कूलों में सबसे ज्यादा टॉप पर कौन सा शहर है, वह भी आप जान लीजिए। ऐसे स्कूलों में यूपी का गाजीपुर जिला सबसे आगे है। यहां के 17 स्कूलों का रिजल्ट जीरो फीसदी रहा है। जबकि इसी कड़ी में आगरा दूसरे नंबर पर है, यहां के 9 स्कूलों में रिजल्ट का प्रतिशत 0 है।
इसके अलावा इलाहाबाद के भी 7 ऐसे विद्यालय रहे हैं जहां परीक्षाफल 0% आया है । इस लिस्ट में आजमगढ़ के छह कालेज। जबकि बहराइच, मिर्जापुर, मऊ और हरदोई के पांच-पांच स्कूलों का परिणाम शून्य रहा है। इसके अलावा कुछ अन्य जिलो में 1 से अधिक व तीन से कम स्कूलों का परिणाम शून्य रहा है।
इस बाबत टीओआई के मुताबिक एक बोर्ड अधिकारी ने कहा कि राज्य के 150 स्कूलों का रिजल्ट शून्य रहा है और इसको लेकर बोर्ड ने इन सभी स्कूलों से जवाब मांगा है। बता दें कि बोर्ड ने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि 98 स्कूल ऐसे हैं जिनका रिजल्ट जीरो रहा है जो क्लास 10वीं के हैं और वहीं 52 ऐसे है जो 12वीं में पास नहीं हुए हैं। इसमें कई प्राइवेट स्कूल भी हैं।
वहीं ऐसी संभावना भी जताई जा रही है कि उत्तर प्रदेश में तमाम ऐसे जिले हैं जहां महज नकल के ठेके के दम पर ही मोटी रकम लेकर छात्रों के फार्म भरवाये जाते थे और डंके की चोट पर अच्छे रिजल्ट भी आते थे लेकिन इस बार प्रदेश की योगी सरकार ने ऐसी सख्ती करवाई है कि प्रदेश के तकरीबन 150 स्कूलों में किसी के भी पास न हो पाने की नौबत आई है। हालांकि इस बार 10वीं का परीक्षा परिणाम 75.16 रहा तो 12वीं का 72.43 प्रतिशत रहा है। इस बार भी हर बार की तरह 10वीं और 12वीं में छात्राओं ने छात्रों को पछाड़ा है।