लखनऊ। जैसा कि अभी कल ही देश की रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रेप के उन मामलों पर लगाम लगा पाना किसी भी ऐजेंसी के बस की बात नही जिसमें परिचितों द्वारा ही ऐसे अपराधों को अंजाम दिया जा रहा हो। उनकी बात की फिर एक ताजा मिसाल उस वक्त देखने को मिली जब एक परिचित द्वारा नौकरी का झांसा देकर एक महिला से चलती कार में गैंगरेप किया गया बल्कि उसके बच्चे को चलती कार से बाहर भी फेंक दिया गया। जो कि हैवानियत की हद है।
गौरतलब है कि प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोमवार शाम चलती कार में एक महिला से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया। यह दुष्कर्म उसके 3 साल के बच्चे को वाहन से बाहर फेंकने के बाद किया गया। ग्रामीणों ने बच्चे को अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर है।
नगर पुलिस अधीक्षक ओमबीर सिंह ने बताया कि इसके बाद जिले के छापर क्षेत्र में 26 वर्षीय पीड़िता को कार से बाहर फेंक दिया गया। उन्होंने बताया कि फरार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और महिला को मेडिकल परीक्षण के लिए भेज दिया गया है।
उन्होंने बताया कि पीड़िता ने होश में आने के बाद रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत में उसने बताया कि आरोपी आर के मेहता नामक व्यक्ति ने नौकरी का लालच देकर उसे बुलाया था। उसे नशीला पेय पदार्थ पिलाकर मेहता और उसके एक दोस्त ने उसके साथ बलात्कार किया।