बेंगलुरू। कर्नाटक में भाजपा की येदियुरप्पा सरकार का बहुमत परीक्षण अब से बस कुछ ही देर में होने वाला है और इस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं। वहीं जानकारों की मानें तो इस बहुमत परीक्षण में सबसे अहम भूमिका निभाऐंगे कांग्रेस और जेडीएस खेमे के 18 विधायकों पर होगी, जो लिंगायत समुदाय से आते हैं। जैसा कि बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि विपक्षी दलों के लिंगायत विधायक, राजनीतिक भविष्य और अपने समुदाय के गुस्से से बचने के लिए क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं।
गौरतलब है कि सत्र शुरू होने के बाद सबसे पहले मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने सदन की सदस्यता की शपथ ली जिसके बाद अन्य विधायकों को शपथ दिलाई गई। फ्लोर टेस्ट को देखते हुए विधानसभा के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। वहीं लापता हुए कांग्रेस के दोनों विधायक आनंद सिंह और प्रताप गौड़ा पाटिल होटल गोल्ड फिंच में मिल गए हैं। मौके पर कर्नाटक के डीजीपी भी होटल में मौजूद हैं। होटल की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। वहीं भाजपा के एक विधायक सोमशेखर रेड्डी भी सदन से लापता थे इन्ही के साथ थे।
तमाम सियासी जानकारों की अगर मानें तो उनके अनुसार येदियुरप्पा काफी हद तक बहुमत साबित करने में सफल रहेगें और उसमें अहम भूमिका निभायेगें कांग्रेस और जेडीएस खेमे के 18 लिंगायत समुदाय विधायक जो अपने राजनीतिक भविष्य और अपने समुदाय के गुस्से से बचने के लिए क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। क्योंकि बताया जाता है कि वैसे ही ‘लिंगायत समाज के लोग अपने समुदाय को बांटने की कांग्रेस की कोशिशों से नाराज हैं। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के लिंगायत विधायक की इस बात से नाराज़गी है। कि उनकी पार्टी ने जेडीएस के साथ जाने का फैसला लिया है, जो कि लिंगायत विरोधी मानी जाती है।
जानकारों के अनुसार सदन में बहुमत साबित करना महज येदियुरप्पा के लिए ही प्रतिष्ठा का प्रश्न नही है बल्कि समूचे भाजपा के रणनीतिकारों अर्थात दिग्गजों के लिए भी बेहद अहम है। इसलिए अगर जीत की गुंजाईश न होती तो संभवतः भाजपा के रणनीतिकार कदम इतना आगे न बढ़ाते। बाकि सियासत में कभी भी कुछ भी संभव है लेकिन येन केन प्रकारेण कहीं कुछ मजबूत गुजाईश को देख ही भाजपा और येदियुरप्पा इतना आगे तक आये हैं जो कि साफ तौर पर उनके कहीं न कहीं आत्मविश्वास को जाहिर करता है।
ज्ञात हो कि उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक विधानसभा में शक्ति परीक्षण की कार्यवाही का सीधा प्रसारण करने का आज आदेश दिया जिसमें मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को बहुमत साबित करना है। न्यायमूर्ति ए के सीकरी ,न्यायमूर्ति एस के बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का बयान दर्ज करने के बाद उक्त आदेश पारित किया। मेहता ने कहा कि कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाएगा। मेहता भाजपा के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार और राज्यपाल वजुभाई वाला की ओर से पेश हुए थे। आदेश में कहा गया है , ‘‘ भाजपा विधायक के जी बोपैया की अस्थाई अध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली कांग्रेस – जद ( एस ) की याचिका में कई अनुरोध किए गए हैं। लेकिन जब मेहता ने बयान दिया है कि कार्यवाही का सीधा प्रसारण कराया जाएगा तो सभी अनुरोधों पर विचार करने की आवश्यकता नहीं है। ’’