लखनऊ। उत्तर प्रदेश में काफी समय से योगी सरकार के मंत्रिमण्डल में फेरबदल की संभावनाओं पर अब जल्द ही विराम लग जायेगा क्योंकि बताया जा रहा है कि मकर संक्रांति के बाद और संभवत बसंत तक या ऐन बसंत के ही दिन यह फेरबदल कर दिया जाये। गौरतलब है कि योगी सरकार के मंत्रिमण्डल में विस्तार और बदलाव तो काफी पहले ही हो जाना था लेकिन निकाय चुनाव की वजह से इसे टाल दिया गया था। वहीं ठीक इसके बाद संगठन में भी बदलाव होगा और कई जिलाध्यक्षों की छुट्टी किये जाने के साथ ही कई मोर्चो के अध्यक्ष बदले भी जा सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर सरकार, संगठन और आरएसएस के बीच एक समन्वय बैठक हुई थी, जिसमें वरिष्ठ पदाधिकारी दत्तात्रेय होसबोले और कृष्णगोपाल ने शिरकत की थी वहीं संगठन की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय और दोनों उपमुख्यमंत्री भी उपस्थित थे।
सूत्रों के अनुसार, समन्वय बैठक में तय हुआ था कि मकर संक्रांति के बाद पहले सरकार की रूपरेखा बदली जाए फिर संगठन का कायाकल्प किया जाए। जिसके हिसाब से, नगर निकाय चुनाव में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन न करने वाले कई जिलाध्यक्षों की छुट्टी होनी तय है। इसके अलावा भाजपा में प्रदेश के सभी मोर्चे के चेहरों में भी बदलाव होने की पूरी संभावना है।
सूत्रों के अनुसार “मकर संक्रांति के बाद पहले सरकार में बदलाव होगा। जिसमें कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव होने की पूरी संभावना है। उम्मीद यह भी है कि इस बदलाव में पूरब और पश्चिम का समन्वय बरकरार रखने के लिए एक मंत्री पूर्वांचल से तो एक मंत्री पश्चिमी उप्र से बनाए जाने की पूरी उम्मीद है।”
सूत्र के अनुसार सरकार में कई मंत्रियों के विभागों में फेरबदल होने की भी संभावना है। जिसके तहत संभवतः कैबिनेट मंत्री स्वाती सिंह, अनुपमा जायसवाल और धर्मपाल सिंह के विभाग छिन सकते हैं। इनके विभाग नए मंत्रियों को मिलने की संभावना है। बावजूद इसके काफी समय से लखनऊ से सांसद और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह को लेकर जो उम्मीदें लगायी जा रहीं थीं इस बार भी उनके मंत्री बनने की संभावना कम ही है।
, वहीं “सरकार में बदलाव के बाद संगठन में भी फेरबदल तय है। जिसके तहत खासकर वो जिलाध्यक्ष जो कि सुनील बंसल के रडार पर हैं, और जिन्होंने निकाय चुनाव में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन ठीक से नही किया। साथ हीं मोर्चों के अध्यक्ष भी बदले जाएंगे।” क्योंकि महिला मोर्चे की अध्यक्ष स्वाती सिंह के मंत्री बनने के बाद यह सीट खाली पड़ी है। उनकी जगह नए चेहरे की तलाश हो रही है।
भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा का भी अध्यक्ष बदलने की पूरी संभावना है। जिसके लिए प्रदेश में यादवों में अपनी पकड़ बनाने के लिहाज से संभवतः अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े अनिल यादव को इसकी जिम्मेदारी दी जा सकती है। पार्टी चाहती है कि लोकसभा के चुनाव से पहले अनिल यादव को अध्यक्ष बनाने से समाजवादी पार्टी के वोट बैंक में सेंधमारी की जा सकती है। लिहाजा पार्टी ने उनको भुनाने की पूरी तैयारी कर ली है।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा की जो नई टीम बनेगी वह सुनील बसंल की पसंद की होगी। बंसल खुद ही चाहते हैं कि पार्टी के वरिष्ठ एवं महत्वपूर्ण लोगों का समायोजन सरकार में किया जाए और प्रदेश में भाजपा की नई टीम तैयार की जाए। जिसको लेकर पिछले एक महीने में उप्र के कई विभाग प्रचारकों के साथ उनकी बैठकें हो चुकी हैं। इन प्रचारकों ने अपनी तरफ से नाम भी सुझाए हैं जिस पर जल्द अमल होने की पूरी संभावना है।