नई दिल्ली। चीन अपनी दोगली हरकतो से बाज नही आ रहा है जिसकी बानगी है कि जहां उसने एक तरफ भले ही कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए नाथू ला मार्ग को खोल दिया हो पर कैलाश मानसरोवर पहुंचे श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया है कि चीन के अधिकारियों ने उन्हें मानसरोवर में डुबकी लगाने से रोक रहा है। सोशल मीडिया पर श्रद्धालुओं की एक तस्वीर भी वायरल हुई है जिसमें उनका एक जत्था दिखाई दे रहा है। हालांकि, अभी तक इस संबंध में चीन की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है।
गौरतलब है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 8 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था इस साल करीब 1,580 श्रद्धालु कैलाश मानसरोवर की यात्रा करेंगे। सुषमा ने बताया था कि दो मार्गों से यात्रा होगी एक नाथुला दर्रा (सिक्किम) और दूसरी लिपुलेख दर्रे (उत्तराखंड) के रास्ते से। उन्होंने कहा कि 50-50 श्रद्धालुओं के 10 जत्थे नाथुला दर्रा से और 60-60 श्रद्धालुओं वाले 18 जत्थे लिपुलेख दर्रे से अपनी यात्रा पूरी करेंगे। उन्होंने कि कि इस संबंध में चीनी समकक्ष से भी बात की गई है।
आपकी जानकारी के लिए बतां दे कि भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से हर साल जून से सितंबर के बीच कैलास मानसरोवर यात्रा का आयोजन किया जाता है। कैलास मानसरोवर तिब्बत तक पहुंचने के लिए नेपाल से होकर जाना पड़ता है। पिछले साल कैलास मानसरोवर यात्रा के दौरान नाथू ला दर्रा बंद था जिस वजह से तीर्थयात्रियों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा था।