बदलते लाइफस्टाइल के कारण आजकल लोगों में ब्लड प्रैशर की समस्या आम देखने को मिलती है. ज्यादातर लोगों में ब्लड प्रेशर घटने की समस्या आम देखने को मिलती है. लो ब्लड प्रैशर में शरीर में खून की गति धीमी हो जाती है, जिससे चक्कर, सुस्ती और पूरे शरीर में दर्द होने लगता हैं. नार्मल ब्लड प्रैशर 120/80 को माना जाता है.
यदि ब्लड प्रैशर 90 से कम हो जाए तो उसे लो ब्लड प्रैशर कहते हैं. लो ब्लड प्रैशर को नार्मल करने के लिए लोग दवाइयों से लेकर घरेलू नुस्खे अजमाते है लेकिन आज हम आपको एक ऐसा आसन बताएंगे, जिससे लो ब्लड प्रैशर तुरंत नार्मल हो जाएगा. इस आसन को करने से आपकी ब्लड प्रैशर की समस्या तो दूर होगी साथ ही इससे कई और प्रॉब्लम्स भी दूर हो जाएगी.
क्या है मूर्धासन? – मूर्धासन (Crown-Based Pose) एक स्टैंडिंग योग पोज है, जोकि आपकी लोअर बॉडी पर काम करता है. इस योग करने से आपके शरीर और दिमार पर असर पड़ता है और शरीर में खून का दौरा नार्मल रहता है. इसलिए इस योग को करने से लो ब्लड प्रैशर की समस्या दूर हो जाती है. लो बल्ड प्रैशर की समस्या दूर होने के साथ इस योग को करने से एंटी-एजिंग बेनेफिट्स भी मिलते हैं. इतना ही नहीं, इस आसन को करने से आपका इम्यून सिस्टन भी मजबूत होता है.
मूर्धासन करने की विधि – इस आसन को करने के लिए एक समतल फर्श पर खड़े हो जाएं और दोनों पैरों के बीच लगभग 3 फीट की दूरी बना लें. अब सांस छोड़ते हुए हाथों को उपर उटाएं और सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुककर हथेलियों को जमीन पर टिका दें. इसके बाद अपना संतुलन बनाते हुए सिर के सामने वाले हिस्से को जमीन पर दोनों हाथों के बीच टिका दें और दोनों हाथों को पीछे की ओर ले जाएं. इसके बाद कमर पर दोनों हाथों को रखकर अपनी कलाई कपड़ लें. इस अवस्था में एड़ियों को उठाएं ताकि शरीर का भार सिर और पंजों पर आ जाए. जब तक सहज हो तो सांस लेते हुए इस अवस्था में बने रहें. फिर वापसी के लिए सांस भरते हुए पहले हाथों को खोलकर जमीन पर टिकाएं. धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट आए.
जब आपको इस आसन का अभ्यास हो जाए तो इस योग की अवधि बढ़ा लें. शुरूआत में आप यह योग 10 मिनट के लिए करें. इसके बाद हर राउंड में ये योग लगभग 30 सेकेंड के लिए करें. हर राउंड के बाद कुछ देर शवासन में लेटें. पूरी प्रक्रिया के दौरान ध्यान सांस पर केंद्रित रहे.
मूर्धासन के अन्य फायदे – 1. नियमित रूप से यह योग करने पर पेट में गैस की समस्या दूर रहती है.
2. लंबे समय तक अभ्यास करने से तनाव, डिप्रेशन, टेंशन और दिमागी बीमारियां नहीं होती.
3. इसके करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता और गर्दन की मांसपेशियां मजबूत होती है.
4. इस आसन से सिर की ओर रक्तसंचार बढ़ने से चेहरे की झाइयां मिटती हैं और इससे आप अधिक उम्र में जवां दिखते हैं.
5. हार्मोनों संतुलित करने के साथ यह आसन किडनी,पैन्क्रियास और लिवर से होने वाला स्राव को भी कंट्रोल करती है.