नई दिल्ली| अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड व कस्टम ने सोमवार को नोट जारी कर बैंकों द्वारा ग्राहकों को दी जा रही सेवाओं पर जीएसटी लगाने को लेकर जारी भ्रम के बीच स्थिति को स्प्ष्ट किया है। इसमें साफ तौर पर बताया गया है कि बैंक किन सेवाओं के लिए किस स्थिति में जीएसटी वसूल सकते हैं।
गौरतलब है कि बैंकिंग सुविधा पर जीएसटी में यह विवाद तब सामने आया जब वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग और राजस्व विभाग के मुफ्त सेवाओं पर जीएसटी लगाए जाने को लेकर अलग-अलग मत सामने आए। इसके बाद अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड व कस्टम ने आगे आकर विभिन्न वित्तीय सेवाओं के लिए जीएसटी लगाने पर भ्रम दूर किया। विभाग की ओर से सवाल-जवाब के रूप में जारी नोट में कहा गया है कि बैंकों द्वारा ग्राहकों को दी जा रही मुफ्त सेवाओं जैसे एटीएम, चेक बुक या स्टेटमेंट इत्यादि पर जीएसटी नहीं लगेगा। लेकिन मुफ्त सेवा के अतिरिक्त दी जाने वाली सभी सेवाओं पर जीएसटी लगाया जाएगा।
ग्राहकों को प्रति माह बैंकों द्वारा 3-5 एटीएम निकासी मुफ्त दी जाती है। इस पर किसी तरह का जीएसटी नहीं लगाया जाएगा, लेकिन इस मुफ्त निकासी से इतर होने वाली निकासी टैक्स के दायरे में रहेगी।
ग्राहकों को बैंक से मिलने वाली मुफ्त चेकबुक या फ्री बैलेंस स्टेटमेंट पर जीएसटी नहीं लगेगा। लेकिन मुफ्त सुविधा से इतर कोई ग्राहक बैंक शुल्क देते हुए चेकबुक या अपना स्टेटमेंट प्राप्त करता है तो उस पर जीएसटी देय होगा।
टैक्स विभाग ने कहा है कि क्रेडिट कार्ड के बकाए का देरी से भुगतान करने पर ग्राहकों से जीएसटी वसूला जाएगा। नोट में कहा गया कि देरी से भुगतान की स्थिति में क्रेडिट कार्ड के आउटस्टैंडिंग पर लगने वाले ब्याज के साथ जीएसटी भी वसूला जाएगा।
किसी म्यूचुअल फंड के लॉकइन पीरियड से पहले ही उसे बेचकर बाहर निकलने वाले ग्राहकों को एक्जिट लोड के रूप में शुल्क देना होता है। इस शुल्क पर भी जीएसटी वसूला जाएगा, क्योंकि इसके तहत मिलने वाली राशि को नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) माना जाएगा।
किसी बैंक के लोन को यदि अन्य बैंक में स्थानांतरित किया जाता है तो इस पर ट्रांजेक्शन प्रोसेसिंग फीस वसूली जाती है। इस फीस पर भी जीएसटी देय होगा। हालांकि लोन पर लगने वाले ब्याज को इस तरह की फीस और जीएसटी से छूट होगी।
तय समय-सीमा के भीतर ईएमआई भुगतान में चूक होने पर अतिरिक्त ब्याज शुल्क लगाया जाता है। सीजीएसटी एक्ट 2017 के सेक्शन 15(2) के तहत इस तरह के शुल्क पर ग्राहक को जीएसटी
विमानन कंपनियों के वैश्विक संघ अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आईएटीए) ने अंतरराष्ट्रीय हवाई टिकटों पर जीएसटी लगाने के लिए भारत की आलोचना की है। आईएटीए के महानिदेशक और सीईओ अलेक्जेंद्र डी जुनियाक ने कहा कि हमें सरकारों के साथ कड़ाई से बात करनी चाहिए। सरकारें हमारे द्वारा बनाए गए वैश्विक नियमों की अनदेखी कर रही हैं, जो अस्वीकार्य है। भारत सुयंक्त राष्ट्र की संस्था अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) के प्रस्तावों का उल्लंघन कर ऐसे टिकटों पर जीएसटी लगा रहा है।