नई दिल्ली। मानव द्वारा प्रकृति से छेड़छाड़ का नतीजा ये हुआ कि अब मौसम भी अति पर अमादा हो चले हैं कभी बहुत ही कम और कभी जरूरत से ज्यादा हो चले हैं इसकी ही बानगी है कि आज जहां लगातार मौसम को लेकर अलर्ट जारी करने पड़ रहे हैं बावजूद इसके हालात ये हो रहे हैं कि महाराष्ट्र में मानसून पूर्व भारी बारिश के कारण पिछले 72 घंटों के दौरान प्रदेश में 13 लोगों की जानें जा चुकी हैं। स्काईमेट ने मुंबई में भारी बारिश की आशंका जताई है और लोगों को घरों के अंदर रहने का सुझाव दिया है।
महाराष्ट्र में इस बारिश का असर रेल और विमान सेवाओं पर भी पड़ा है। पश्चिम एवं मध्य रेलवे की कई गाडि़यों का परिचालन भी प्रभावित हुआ है। कई ट्रेनें विलंब से चल रही हैं। मुंबई हवाई अड्डा भी इसकी चपेट में है। विमानों के उड़ानों पर भी इसका प्रभाव पड़ा है। 18 विमानों का मार्ग परिवर्तित करना पड़ा है। कई ने देर से उड़ान भरी।
मौसम का पूर्वानुमान बताने वाली एक निजी कंपनी के मुताबिक इस सप्ताह के आखिर में इन हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। निजी एजेंसी स्काईमेट का कहना है कि आठ से 10 जून के बीच पश्चिमी तट और खासकर मुंबई में बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने 10 जून के बाद इन इलाकों में बाढ़ की आशंका जाहिर की है। मौसम विभाग के मुताबिक मानसून अपने निर्धारित समय से तीन दिन पहले 29 मई को केरल पहुंच गया था। यह तमिलनाडु एवं बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पश्चिम, पश्चिम-मध्य, पूर्व-मध्य, उत्तर-पूर्व और पूर्वोत्तर के राज्यों की ओर बढ़ चुका है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि दो-तीन दिन में मानसून के दक्षिणी प्रायद्वीप, बंगाल की खाड़ी, पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों के साथ पश्चिम बंगाल के हिमालय से सटे इलाकों में बढ़ने के लिए अनुकूल स्थिति बनने के आसार हैं।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव एम राजीवन ने कहा कि मानसून के सात जून से ‘मजबूत’ होने के आसार हैं। इस कारण केरल, तटीय कर्नाटक, मुंबई और गोवा सहित कोंकण क्षेत्र में ‘भारी बारिश’ हो सकती है। 10 जून के बाद से इस इलाके में बाढ़ की आशंका है। स्काईमेट ने इस अवधि में मुंबई में भारी बारिश की आशंका जताई है। उसने लोगों को घरों के अंदर रहने का सुझाव दिया है।
इसी प्रकार से मिजोरम में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया। ये दर्दनाक घटना दक्षिणी मिजोरम में लुंगलेई शहर के लुंगलॉन इलाके में हुई। पुलिस ने बताया कि कल (सोमवार) रात जब भूस्खलन की ये घटना घटी, उस वक्त लुंगलॉन में भारी बारिश हो रही थी।
उन्होंने बताया कि लुंगलेई जिला आपदा प्रतिक्रिया बल और स्थानीय स्वयंसेवी लोगों को बचाने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे हुए हैं।बता दें कि मौसम विभाग ने पहले ही मिजोरम में मूसलाधार बारिश का अलर्ट जारी किया हुआ है।
गौरतलब है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून दक्षिण के करीब सभी राज्यों, बंगाल की खाड़ी, असम और अरुणाचल प्रदेश में पहुंच गया है और माना जा रहा है कि अगले दो-तीन दिन में मानसून त्रिपुरा, मेघालय के कुछ हिस्सों, पश्चिम बंगाल के हिमालयी क्षेत्र और सिक्किम पहुंच जाएगा। लेकिन मानसून के दस्तक देने से पहले ही मिजोरम में मूसलाधार बारिश ने लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है।