नई दिल्ली। हरियाणा सरकार के एक तुगलकी फरमान के खिलाफ तमाम नामचीन खिलाड़ी अब लामबंद होने शुरू हो गये हैं दरअसल हरियाणा सरकार ने अपने राज्य के खिलाड़ियों ने लिए शुक्रवार को नया फरमान जारी किया है। राज्य सरकार ने सभी खिलाड़ियों से पेशेवर समारोह से मिलने वाली पुरस्कार राशि और विज्ञापनों से मिलने वाले पैसों का एक-तिहाई हिस्सा देने की बात कही है।
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार द्वारा जारी 30 अप्रैल की इस अधिसूचना में कहा गया है कि खिलाड़ियों से लिया गया यह एक-तिहाई धन हरियाणा में खेल के और उभरती प्रतिभाओं के विकास में इस्तेमाल किया जाएगा। अधिसूचना में कहा गया, “खिलाड़ी उनके पेशेवर समारोहों और विज्ञापनों से करार से मिलने वाले धन का एक-तिहाई हिस्सा हरियाणा राज्य खेल परिषद को देंगे और यह धन राज्य में खेल के और उभरती प्रतिभाओं के विकास में इस्तेमाल किया जाएगा।”
इस कदम की कई खिलाड़ियों ने आलोचना की है और साथ ही उन्होंने राज्य सरकार को भी फटकार लगाई है। भारत की महिला कुश्ती पहलवान गीता फोगाट ने एक टेलीविजन चैनल को दिए बयान में कहा, “यह नया नियम खिलाड़ियों का मजाक बना रहा है। क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए तो ऐसा कोई नियम नहीं है, जो अन्य खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों से अधिक कमाते हैं। क्रिकेट खिलाड़ी विज्ञापनों से बहुत पैसा कमाते हैं, लेकिन मुक्केबाजी, कबड्डी और कुश्ती के खिलाड़ी इतना नहीं कमाते हैं।”
इसी प्रकार बबीता फौगाट ने कहा कि सरकार की ये तो बिना हाथ-पैर वाली बात है, जो मन में आया उसे लागू कर दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी नियम लागू करने के लिए उसका कोई लॉजिक होना चाहिए। बबीता ने सवाल उठाया कि यदि हम कहीं से भी यदि कमाई कर के लाते हैं तो उसमें पहले ही हर तरह का टैक्स देते हैं तो हम सरकार को अलग से यह हिस्सा क्यों दे?
वहीं सरकार के इस फरमान से गुस्साए पहलवान योगेश्वर दत्त ने ट्वीट कर अशोक खेमका पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि ऐसे अफसर से राम बचाए। जब से खेल विभाग में आए है तब से बिना सिर-पैर के तुग़लकी फ़रमान जारी किए जा रहे है। उन्होंने गुस्से में यहां तक कह डाला कि हरियाणा के खेल-विकास में आपका योगदान शून्य है। इस हरकत के बाद से तो हरियाणा के नए खिलाड़ी बाहर पलायन करेंगे और इसके जिम्मेदार सिर्फ आप होंगे।
साथ ही स्टार पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा सरकार खिलाड़ियों का मनोबल नीचे गिरा रही है। हरियाणा सरकार में नौकरी करने वाले प्रोफेशनल खिलाड़ी ऑन ड्यूटी अगर कोई विज्ञापन या कोई लीग के माध्यम से कमाई करेंगे। तो उसका 100 प्रतिशत और छुट्टी लेकर खेलेंगे तब भी 33 प्रतिशत सरकार को कमाई देंगे। साथ ही कहा कि ये सरकार तो कॉमनवेल्थ तक का सम्मान नहीं कर पाई।
उन्होंने कहा कि यदि इस नियम को लागू करना है तो अशोक खेमका जी पहले अपने कमाई का एक तिहाई हिस्सा सरकार को दें। उन्होंने कहा कि अबतक हरियाणा की मिसाल दी जाती थी वहां पर खिलाडिय़ों को सपोर्ट दिया जाता है इसलिए वहां से इतने खिलाड़ी निकल कर आते हैं, यदि सरकार का रवैया ऐसा ही रहा तो खिलाडिय़ों का मनोबल टूट जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार खिलाडिय़ों से उनका पैसा लेकर उन्हें दे रही है तो फिर अपनी वाहवाही किस बात करती है?