डेस्क। बेहद दिलचस्प और गौर करने की बात है कि पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान जहां उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी में पारिवारिक कलह की नींव पड़ी थी वहीं अब जब 2019 का लोकसभा चुनाव पास आ रहा है तो बिहार में प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में पारिवारिक कलह की नींव पड़ती नजर आ रही है। हालांकि हाल फिलहाल इस बाबत बखूबी सफाई दी जा रही है लेकिन हकीकत तो नजर ही आ रही है।
गौरतलब है कि बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार यानी लालू यादव के परिवार में कलह गहराता जा रहा है और राजनीतिक विरासत को लेकर लड़ाई शुरू हो गई है। ऐसे कयास लगने शुरू हो गए हैं और लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव की बातों ने इन कयासों को हवा दे दी है।
दरअसल हाल ही में तेजप्रताप ने राजद में ‘असामाजिक तत्वों के जमावड़ा’ का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है। यह भी कहा है कि पार्टी में उनका अपमान हो रहा है, जो बर्दाशत नहीं है। साथ ही, उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों के मंसूबे पूरे नहीं होंगे।
उन्होंने कहा है कि कहा है कि राजद नेता उनकी बात नहीं सुन रहे। फोन नहीं उठा रहे। सलाह-आदेश नहीं मान रहे। कह रहे कि ऊपर से आदेश है। तेजप्रताप ने अपनी नाराजगी का इजहार पहले ट्वीट करके किया। फिर, मीडिया से भी बातचीत की। महादेव मंदिर में पूजा करने गए तेजप्रताप ने राजनीति से संन्यास लेने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि तेजस्वी को राजद का ताज सौंपकर वे द्वारिका के लिए प्रस्थान करना चाहते हैं। जैसे महाभारत विजय के बाद पांडवों को राज सौंपकर श्रीकृष्ण ने किया था।
हालांकि उन्होंने साफ कहा है कि उनका तेजस्वी से कोई झगड़ा नहीं है। छोटा भाई (तेजस्वी) कलेजे का टुकड़ा है। लेकिन, पार्टी में अपमान बर्दाशत नहीं। राजद असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बन गया है। इसे ठीक करने की जरूरत है। कुछ लोग हैं जो भाइयों में फूट डालकर परिवार की प्रतिष्ठा को खत्म करना चाहते हैं। वैसे नेता मेरी भी बात नहीं सुनते और पार्टी को बांटना चाहते हैं। उन्हें बर्खास्त करने की जरूरत है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि तेजप्रताप बोले कि लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी और मीसा भारती के नाम पर पार्टी के कुछ लोग गलत काम करते हैं। ऐसे लोग ‘चुगलखोर’ हैं और उन्हें पार्टी से तत्काल निकाला जाना चाहिए।
बताया जाता है कि तेजप्रताप की नाराजगी का वजह राजेंद्र पासवान को संगठन में महत्वपूर्ण ओहदा दिलाने का मामला है। इसके लिए उन्होंने कई बार राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे को बोला, लेकिन ऊपर का दबाव बताकर उन्होंने टालमटोल किया। राजेंद्र के लिए उन्हें राबड़ी देवी, लालू यादव और तेजस्वी से बात करनी पड़ी, जिसके बाद उन्हें प्रदेश महासचिव बनाया जा सका। पार्टी में छात्र राजद की उपेक्षा भी तेजप्रताप को खटक रही है। वे चाहते हैं कि युवा टीम होने के कारण छात्र शाखा को भी महत्व मिले।
पार्टी के अंदर की बातें तेजप्रताप ने अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय से भी साझा की तो वे हतप्रभ रह गईं। बकौल तेजप्रताप, ऐश्वर्या ने उन्हें सलाह दी कि वे अपनी बात उचित जगह पर रखें। तेजप्रताप ने कहा कि वे भी पार्टी के सीनियर और समर्पित नेता तथा लालू परिवार के सदस्य हैं। तेजप्रताप ने दावा किया कि असामाजिक तत्वों की नीयत कभी पूरी नहीं होगी। परिवार एकजुट रहेगा। तेजस्वी उनके जिगर का टुकड़ा हैं और माता-पिता का आशीर्वाद दोनों के साथ है।