क्विंगदाओ। नापाक पाक की तमाम कायराना और घिनौनी हरकतों के बावजूद भी PM मोदी ने आज बेहद ही कूटनीतिक रणनीति के तहत के SCO मंच पर अचानक सामने आए पाकिस्तान के राष्ट्रपति से बेहद गर्मजोशी से हाथ मिलाकर यह साबित कर दिया कि हम अपनी तरफ से आज भी किसी के प्रति नफरत नही रखते हैं चाहे वो फिर हमारा दुश्मन ही क्यों न हो। हालांकि लोगों को क्या खुद पाकिस्तानी राष्ट्रपति को भी ऐसी उम्मीद नही थी।
गौरतलब है कि सीमा पर अशांति के माहौल के बीच चीन में एससीओ सम्मलेन के दौरान एससीओ देशों के बीच हुए समझौतो पर हस्ताक्षर करने के बाद सभी सदस्य देशों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया। इस दौरान पीएम मोदी ने पहले तो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हाथ मिलाया। उसके बाद पीएम मोदी जिनपिंग के पास खड़े पाकिस्तान के राष्ट्रपति की ओर बढ़े और उनसे भी हाथ मिलाया।
हालांकि इस दौरान पीएम मोदी पाकिस्तान के राष्ट्रपति से कुछ बात करते भी नजर आए। हालांकि चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ चलते-चलते उनके बीच क्या बात हुई, ये तो नहीं पता चला। लेकिन पीएम मोदी की बॉडी लैंग्वेज (शारीरिक भाषा) को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अंतरराष्ट्रीय मंच की गरिमा को बनाए रखना उन्हें बखूबी आता है, भले ही दुश्मन देश सामने क्यों न खड़ा हो।
जानकारों के अनुसार सीमा का माहौल और पाकिस्तान की हरकतों को देखकर मोदी हुसैन को नजरअंदाज भी कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। जैसे की पहले भी देखा गया है कि पीएम मोदी की रणनीति हमेशा पाकिस्तान की कूटनीतिक तौर पर हराने की रही है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मंच का सम्मान करते हुए उन्होंने खुद आगे बढ़कर पाकिस्तान के राष्ट्रपति से हाथ मिलाया।
ज्ञात हो कि इस बार भारत और पाकिस्तान दोनों ही सदस्य देश के रूप में शंघाई सहयोग संगठन में शामिल हुए हैं। इस बार का सम्मेलन खास इसलिए भी माना गया क्योंकि पाकिस्तान और चीन दोनों से भारत का सीमा विवाद चल रहा है। वहीं, चीन और पाकिस्तान की नजदीकियां भी किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में भारत को मजबूती से अपना पक्ष भी रखना था और दुश्मनों को यह संदेश भी देना था कि भारत को किसी भी सूरत में कम न आकें।