नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने आज एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद बेहद अहम और काबिले गौर बयान देते हुए कहा कि पदोन्नति में आरक्षण फिर से बहाल करने को लेकर उच्चतम न्यायालय से केंद्र को मिली अस्थाई राहत के बाद यह केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकारों की नौकरियों में भी लागू होगा।
उन्होंने कहा कि हालांकि पहले इसको लेकर संदेह था कि अदालत का निर्देश क्या केवल केंद्र सरकार की नौकरियों में ही लागू होगा। लेकिन अब कोई भ्रम नहीं है। केंद्र के साथ ही राज्य भी कर्मचारियों को पदोन्नत करना शुरू करेंगे। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग जल्द ही इस संबंध में निर्देश जारी करेगा।
उन्होंने कहा कि मंत्रियों के एक समूह ने आज एक बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की। इस दौरान गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत और पासवान आदि शामिल थे। सरकार ने इस समूह का गठन दलित और आदिवासी जनसंख्या से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए किया है।
पासवान ने यह भी कहा कि दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार के मामलों पर एक कानून के मूल प्रावधानों को बहाल करने के लिए सरकार ने एक अध्यादेश तैयार रखा है लेकिन वह अपनी पुनर्विचार अर्जी पर उच्चतम न्यायालय के अंतिम फैसले का इंतजार करेगी। इस संबध में उच्चतम न्यायालय के आदेश का लगभग सभी प्रमुख पार्टियों ने कहा था कि इससे कानून कमजोर हुआ है।
गौरतलब है कि हाल के कुछ समय में विभिन्न उच्च न्यायालयों के आदेशों का परिणाम यह हुआ कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण रूक गया और केंद्र ने हाल में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। वहीं अदालत ने केंद्र की अपील पर सुनवाई करते हुए उसे इसकी इजाजत दी कि मामले में जब तक अंतिम फैसला नहीं आ जाता वह पदोन्नति में आरक्षण मुहैया कराने पर आगे बढ़ सकता है।