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स्मार्ट शहरों में होगा पशु-पक्षियों का भी आशियाना, जहां मिल सकेगा उनको पानी और खाना

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नई दिल्ली। एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने हाल ही में एक बेहद अहम और काबिले तारीफ फैसला किया है जिसके तहत अब स्मार्ट शहरों में अब पशु-पक्षियों को भी ठौर-ठिकाना मिलेगा इतना ही नही साथ ही पानी और खाना भी मिलेगा।

गौरतलब है कि एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने इसे लेकर फैसला लिया है। साथ ही शहरी विकास मंत्रालय से योजना में इसे शामिल करने के निर्देश दिए है। जिसके तहत स्मार्ट शहरों में अब पशु-पक्षियों को भी ठौर-ठिकाना मिलेगा। इन सभी स्मार्ट शहरों में पशु -पक्षियों के लिए हॉस्टल या शेल्टर हाउस बनाए जाएंगे। जहां इनके खाने-पीने का पूरा बंदोबस्त होगा। साथ ही बोर्ड ने इसके अलावा शहरों में पशुओं के सड़कों या खुले में घूमने को क्रूरता करार दिया और कहा कि इसके लिए स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार है। उसे इसकी रोकथाम करनी चाहिए।

एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया (एडब्लूबीआइ) के चेयरमैन एसपी गुप्ता ने बोर्ड की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि स्मार्ट शहरों को इको-फ्रेंडली बनाने का प्रधानमंत्री मोदी का सपना तभी पूरा होगा, जब इनमें पशु-पक्षी रहेंगे। उन्होंने कहा कि स्मार्ट शहरों से पशु-पक्षियों को यदि निकाला गया, तो यह क्रूरता की श्रेणी में आएगा। जो ऐसा करेगा, उसके खिलाफ बोर्ड कार्रवाई भी करेगा। एडब्लूबीआइ की बैठक में इसके अलावा चारागाह की भूमि को कब्जे से मुक्त कराने और उसे सुरक्षित कराने का भी फैसला लिया गया है।

सभी राज्य सरकारों को इसे लेकर निर्देश दिए गए है। बोर्ड का कहना है कि यह भूमि ग्राम पंचायत से शहरों के स्तर पर भी सुरक्षित की जाए। बोर्ड के चेयरमैन ने बताया कि बोर्ड के कामकाज को मजबूत बनाने के लिए इसका एक त्रिस्तरीय ढांचा भी तैयार होगा, जो राष्ट्रीय के साथ-साथ राज्य और जिला स्तरीय भी होगा। फिलहाल वह सभी जिलों में एक एनिमल वेलफेयर अधिकारी तैनात कर रहे हैं, जो जिलों में क्रूरता से जुड़े मामलों पर नजर रखेगा।

आवारा पशुओं की समस्या से परेशान उत्तर प्रदेश को इससे निजात मिल सकती है। सरकार इनके लिए कांजी हाउस के ढांचे को मजबूत बनाने और उनके चारे-पानी के लिए इंतजाम करने की कोशिशों में जुटी हुई है। इसके लिए शराब पर एक रूपए तक का टैक्स भी लगाया जा सकता है। यह जानकारी एनिमल वेलफेयर बोर्ड के चेयरमैन एसपी गुप्ता ने चर्चा में दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी से इस मुद्दे पर चर्चा हुई है। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को आवारा पशुओं के लिए योजना बनाने को कहा है। जल्द ही यह योजना सामने आ सकती है।

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