लखनऊ। बसपा सुप्रीमों मायावती ने आज भाजपा और खासकर प्रधानमंत्री मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि महज सस्ती लोकप्रियिता को पाने के लिए राजनीति से प्रेरित होकर एक महान संत के नाम का इस तरह से इस्तेमाल किया जाना कतई उचित नही है।
दरअसल आज जारी एक बयान में मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सन्त कबीर की याद आ रही है। यह वोट बैंक की राजनीति नहीं तो और क्या है। सन्त कबीर अपनी वाणी और कर्मों से अमर हैं। वे लोगों के दिलों में वास करते हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को उनके नाम पर सस्ती लोकप्रियता वाली राजनीति करने से बाज आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जनता ऐसे स्वार्थ की राजनीति को खूब अच्छी तरह से समझने लगी है और वह ज्यादा धोखा खाने को तैयार नहीं लगती है। पूर्वांचल के विकास के मामले में प्रधानमंत्री मोदी और योगी सरकार ने अभी तक जो भी काम किये हैं वे ऊँट के मुंह में जीरे के बराबर हैं जबकि वायदा किया गया था कि केन्द्र एवं राज्य में भाजपा सरकार बन जाने पर विकास की गंगा बहा दी जायेगी।
इतना ही नही यहां के करोड़ों गरीबों, मजदूरों, किसानों, युवाओं के लिये आसमान से तारे तोड़ कर लाये जायेंगे तथा बेरोजगारों का पलायन रोका जायेगा। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इसके विपरीत जनसामान्य के लिये कानून-व्यवस्था के साथ-साथ जनहित एवं विकास के हर मामले में हालात और भी ज्यादा बदतर होते जा रहे हैं, जिससे जनता त्रस्त है।
इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार के कार्यकाल में संत कबीर को पूरा सम्मान दिया गया। उनके नाम पर ‘संत कबीर नगर’ के नाम से नया जिला बनाया गया। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल का समग्र विकास अलग राज्य बनाये बगैर संभव नहीं है जिसके संबन्ध में बसपा विधानसभा से पारित प्रस्ताव केन्द्र सरकार के पास लम्बित पड़ा है, जिसके संबन्ध में मोदी सरकार को अब और देरी किये बिना तत्काल कार्यवाही करने की जरुरत है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि मगहर में चुनावी स्वार्थ के लिये 24 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले ‘संत कबीर अकादमी’ के शिलान्यास की आड़ में मोदी ने पूर्वांचल की जनता के साथ छलावा किया है और उनकी आँखों में धूल झोकने का प्रयास किया है। केवल ‘अकादमी’ बनाने के लालीपाप से पूर्वांचल की करोड़ों गरीब आम जनता और मेहनतकश लोगों का हित, कल्याण एवं विकास शताब्दियों तक संभव नहीं हो पायेगा।