नई दिल्ली। योग गुरू रामदेव कभी-कभी किसी को प्रभावित करने के लिए किसी को प्रभावित कर जाते हैं यानि एक को खुश करने में दूसरे को नाखुश कर देते हैं ऐसा ही एक मामला हाल ही में सामने आया है जिसमें नीतिन गडकरी के मुकाबले उमा भारती को उन्होंने कमतर बताकर मुसीबत मोल ले ली। हालांकि बाबा ने माफी मांगते हुए कहा कि उनका इरादा ऐसा नही था।
गौरतलब है कि बाबा रामदेव द्वारा गंगा की सफाई को लेकर दिए गए बयान से केंद्रीय मंत्री उमा भारती नाराज हो गईं हैं। उन्होंने इसके विरोध में पत्र भी लिखा है। अपने पत्र में उमा भारती ने लिखा है कि ऐसी बाते उन्हें नुकसान पहुंचा सकती हैं।
दरअसल उमा ने अपने पत्र में लिखा कि आपके द्वारा गंगा की विवेचना करते समय दो मंत्रियों की तुलना करना मुझे अजीब लगा। मैं खुद भी गडकरी जी की प्रशंसक हूं। लंदन में न्यूज चैनल पर मेरे बारे में टिप्पणी करते समय आपको यह ध्यान नहीं रहा कि आप मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा रहे हैं।
इसके साथ ही पत्र में आगे लिखा है कि आठ साल की उम्र से आज 50 साल तक के परिश्रम, विचार और राष्ट्रवाद मेरी शक्ति रहे हैं जिनकी विश्वसनीयता के चलते मुझे राजनीति में उचित स्थान मिला है। आप मेरे मार्गदर्शक हैं।
ज्ञात हो कि बाबा रामदेव ने लंदन में एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान गंगा की स्वच्छता को लेकर कहा था कि उमा की फाइल ऑफिस में अटक जाती है जबकि गडकरी की नहीं। देश में सबसे ज्यादा किसी का काम दिखाई देता है तो वो गडकरी का है।