लखनऊ। यह बात एकदम साफ है कि अगर किसी भी मामले में हो न कोई सियासत तो कहीं भी नही है कोई अदावत। जी इसकी ताजा तरीन मिसाल प्रदेश के जनपद इलाहाबाद में तब देखने को मिली जब आपसी भाईचारे को सर्वोपरि रखते हुए मुस्लिमों ने यहां पर अगले साल शुरू होने जा रहे कुंभ मेले को लेकर जोर शोर से चल रही तैयारियों के बीच सड़क को चौड़ा करने के लिए बीच में आ रही मस्जिद के कुछ हिस्सों को ढहा दिया।
गौरतलब है कि कुंभ मेले का आयोजन इलाहाबाद (प्रयाग) में 14 जनवरी 2019 से लेकर 4 मार्च 2019 तक होने जा रहा है। इलाहाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी (एडीए) के अधिकारियों के मुताबिक, बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद को लेकर सड़कों को चौड़ा करने का काम किया जा रहा है। इस बीच में आनेवाली इमारतें और धार्मिक लिहाज से महत्वपूर्ण स्थलों को हटाया जा रहा है। सड़क के चौड़ीकरण का की यह परियोजना सितंबर या अक्टूबर तक पूरी हो जाएगी।
वहीं इस बाबत एक अधिकारी ने बताया कि इलाहाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी किसी भी धार्मिक समुदाय के लोगों की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहता है और संबंधित लोगों से मिलकर उन्हें खुद ही उसके हिस्सों को तोड़ने के लिए समझा रहा है।
इसी के तहत राजरूपपुर इलाके में स्थित मस्जि-ए-कादरी के मुतावल्ली (केयरटेकर) इरशाद हुसैन ने बताया कि मस्जिद का कुछ हिस्सा समुदाय के सदस्यों की सहमति के बाद ढहा दिया गया। उन्होंने कहा- “कुंभ के दौरान संगम में डुबकी लगाने के लिए आनेवाले श्रद्धालुओं के आने के चलते सड़क चौड़ीकरण परियोजना के बाद यह फैसला लिया गया है।” हुसैन ने आगे कहा कि मुसलमानों ने इसका विरोध करने की बजाय खुद ही आगे आए और यह कदम उठाया।
इसी प्रकार से सरदार पटेल मार्ग स्थित तिरपाली वाली मस्जिद को सड़क चौड़ीकरण के तहत नोटिस मिला था। नोटिस मिलने के बाद मस्जिद इंतेजामिया कमेटी ने जून के मध्य में मस्जिद तोड़कर मिसाल पेश की थी। राजरूपपुर में भी मस्जिद-ए-कादरी को नोटिस मिला था। .
हालांकि पिछले महीने राजरूपपुर में सड़क चौड़ीकरण की जद में आए मकान तोड़े गए थे। उस समय रमजान का महीना था। मस्जिद इंतेजामिया कमेटी ने रमजान के बाद खुद मस्जिद तोड़ने का एडीए प्रशासन को आश्वासन दिया था। कमेटी के सदस्य नवलाख सिद्दीकी बताते हैं कि ईद के बाद सड़क चौड़ीकरण की जद में आया हिस्सा तोड़ देंगे। ईद बीतने के बाद कमेटी ने सड़क चौड़ीकरण में चिह्नित हिस्सा तोड़ना शुरू किया। .
जबकि वहीं इस बाबत कमेटी के इरशाद हुसैन कहते हैं कि शहर में विकास का काम इंसानों के लिए हो रहा है। इंसान और भक्तों के लिए सड़क चौड़ी हो रही है तो मस्जिद का कुछ हिस्सा नेक काम के लिए देने में कोई हर्ज नहीं है।