नई दिल्ली। बसपा सुप्रीमो मायावती की आज अचानक छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी से मुलाकत किये जाने से सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
गौरतलब है कि अजीत जोगी स्वास्थ्य ठीक न हाेने की वजह से दिल्ली एम्स में ईलाज करा रहे हैं। मायावती ने एम्स पहुंचकर जाेगी का हालचाल जाना आैर करीब एक घंटे तक बातचीत की। हालांकि दाेनाें नेताआें के बीच क्या बातें हुई हैं स्पष्ट नहीं है। कयास यही लगाए जा रहे हैं कि साल के अंत में हाेने वाले विधानसभा चुनाव आैर 2019 के लाेकसभा चुनाव काे लेकर बातचीत हुई है।
अगर सियासी जानकारों की मानें तो जाेगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) आैर बसपा के बीच समझौता हो जाता है तो भाजपा और कांग्रेस के समीकरण बिगड़ सकते हैं। क्याेंकि बसपा का एससी-एसटी आैर आदिवासी इलाकों में खासा जनाधार है। सबसे खास बात ये कि इन्हीं वर्गाें के बीच जोगी का भी जनाधार है।
ज्ञात हो कि बसपा के पूर्व अध्यक्ष स्वा. कांशीराम से अजीत जोगी के गहरे रिश्ते रहे हैं। जोगी की मायावती से भी निकटता रही है। जोगी की प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग में खासी पैठ है वहीं यह वर्ग बसपा का भी बड़ा वोट बैंक रहा है। पिछले चारों ही विधानसभाओं में बसपा के एक-दो विधायक जीतकर भी आए हैं।
वैसे तो बसपा-कांग्रेस के साथ गठबंधन की चर्चाएं बड़े जोर शोर से जारी थीं लेकिन सीट बंटवारे काे लेकर बात नहीं बनी। अब मायावती ने जाेगी से गठबंधन के लिए हाथ बढ़ाया है। जकांछ के सूत्र बता रहे हैं कि गठबंधन पर सहमति बन चुकी है, सीटों के बंटवारे पर बात चल रही है।
हालांकि फिलहाल बसपा ने छत्तीसगढ़ में गठबंधन को लेकर अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक गठबंधन को लेकर किसी भी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगा, क्योंकि अभी तक बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रभारियों से इस बारे में कोई रिपोर्ट नहीं मांगी है। वैसे भी इसको लेकर अंतिम फैसला मायावती को ही करना है।