डेस्क्। जरायम की दुनिया के उजालों में यूं तो होती है बड़ी ही चकाचौंध। पर ये कोई नही जानता कि कब हो जाये अंधेरा और कब जाये कौन औंध।। ये ही वजह है कि इस दुनिया में जो भी एक बार गया। वो लौट नही सका, फिर सीधा ऊपर ही गया।। इसकी ही बानगी है कि आज जेल में मारे गये मॉफिया मुन्ना बजरंगी भले ही पहले दे चुका हो कई बार अपनी मौत को मात लेकिन तभी तलक बच सका वो जब तक लिखी थी उसकी हयात।
गौरतलब है कि भले ही आज यूपी के बागपत जेल में सोमवार सुबह कुख्यात डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया हो। लेकिन इससे पहले मुन्ना बजरंगी कई बार मौत को मात देकर निकल चुका था। मुन्ना बजरंगी को दिल्ली और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम ने 20 साल पहले ही एनकाउंटर में मार गिराने का दावा किया था। बजरंगी के मारे जाने की खबर भी प्रसारित हो गई थी। लेकिन अस्पताल पहुंचते ही उसने आंखें खोल दी।
दरअसल दिल्ली से हरियाणा जाते समय समय बादली थाना क्षेत्र में 11 सितंबर 1998 को मुन्ना की पुलिस से मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ के दौरान जबकि मुन्ना को छह गोलियां लगीं। इतना ही नही पुलिस ने उसे मृत घोषित कर दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल भेज दिया था। इसके साथ ही दिल्ली से बनारस तक उसकी मौत की खबर भी पहुंच गई।
लेकिन उस वक्त सबके सब हैरान रह गये और मुना के शातिराना दिमाग को मान गये कि उसने अस्पताल पहुंचते ही मीडिया के सामने आंखें खोल दी थीं। जिस पर तत्काल इलाज शुरू हुआ। और इस दौरान वाराणसी से दिल्ली पहुंचे एक पूर्व सभासद और मुन्ना की पत्नी ने उसके इलाज पर पानी की तरह पैसा बहाया, जिसका नतीजा था कि छह गोलियां खाने के बाद भी वह जिंदा बच निकला।
इसके अलावा एक बार फिर उसे मारने की कोशिश तब हुई जब अस्पताल से ठीक होकर निकलने के बाद जेल भेजे जाने से पहले तीस हजारी कोर्ट में पेशी के दौरान उसे जहर वाला इंजेक्शन मारने की कोशिश हुई। हालांकि इससे वह बेहोश भी हो गया। लेकिन दोबारा अस्पताल आने के बाद ठीक हुआ। पहुचकर वह ठीक हो गया। इस तरह से उसने दूसरी बार भी मौत को मात दे दी थी। लेकिन इस बार क्योंकि तीसरा था ये मौका शायद इसी लिए सभी के साथ-साथ उसकी किस्मत ने भी दे दिया उसे धोखा। और नतीजा हम सबके सामने है।