लखनऊ। मुन्ना बजरंगी हत्याकाण्ड पर जहां एक तरफ रोज ही नये सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं वहीं सियासी गलियारों में बहुजन समाज पार्टी द्वारा आज अचानक ही मुन्ना पर रंगदारी का आरेप लगाने वाले अपने पूर्व विधायक को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाये जाने की चर्चा काफी जोरों पर है। हालांकि पार्टी द्वारा सफाई में साफ कहा गया है कि उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निकाला गया है। लेकिन लोगो द्वारा फिर भी तमाम कयास लगाये जा रहे हैं।
गौरतलब है कि मुन्ना बजरंगी पर रंगदारी मांगने का आरोप लगाने वाले पूर्व MLA लोकेश दीक्षित काे बसपा ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। हालांकि, मेरठ-सहारनपुर मंडल के इंचार्ज बीएसपी नेता सत्यपाल पेपला ने निष्कासन पत्र में लोकेश दीक्षित पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है। पेपला के अनुसार उन्हें बसपा सुप्रीमो मायावती के आदेश के बाद बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
ज्ञात हो कि गत 9 जुलाई को रंगदारी मामले में ही बागपत की कोर्ट में मुन्ना बजरंगी की पेशी थी। जिसके लिए उसे झांसी जेल से 8 जुलाई की रात बागपत जिला जेल में शिफ्ट किया गया था, लेकिन पेशी से पहले ही जेल के भीतर गैंगस्टर सुनील राठी ने मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी।
दरअसल कुछ महीने पूर्व लोकेश दीक्षित ने मुन्ना बजरंगी पर रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था। इस मामले में बड़ौत थाने में सितंबर 2017 में मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने सर्विलांस के आधार पर लखनऊ से सुल्तान नाम के व्यक्ति की गिरफ्तारी की थी। बागपत के बड़ौत विधानसभा से बीएसपी के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित ने पिछले साल सितंबर में पुलिस से शिकायत की थी कि बदमाशों ने उनसे फोन कर रंगदारी मांगी है।
साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि फोन पर झांसी जेल मे बंद कुख्यात बदमाश मुन्ना बजरंगी के नाम से बदमाशों ने उनसे रंगदारी की डिमांड की है। इस रंगदारी में उनसे वाराणसी मे लिए गए 12 करोड़ रुपए के टेंडर में हिस्से की मांग की गई है। विधायक के अनुसार बदमाशों ने फोन कर धमकी दी कि झांसी जेल में पहले मुन्ना बजरंगी को मैनेज करो, तब जाकर टेंडर का काम शुरू करना।