चेन्नई। तमिलनाडु के चेन्नई में एक 11 साल की मासूम का सात माह तक यौन शोषण के मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ वहां के वकीलों द्वारा की गई पहल बेहद अहम और काबिले गौर है। दरअसल वहां के वकीलों ने न सिर्फ यह ऐलान किया कि इन आरोपियों का केस कोई वकील नही लड़ेगा। हालांकि ऐसी शर्मनाक और खैफनाक हरकत को अंजाम देने वालों को सामने देख वकीलों का समूह खुद को चाह कर भी रोक नही पायार और उन सभी ने कुछ आरोपियों की जमकर धुनाई कर दी।
गौरतलब है कि चेन्नई में 11 वर्षीय लड़की के कथित तौर पर यौन शोषण के संबंध में गिरफ्तार किए गए कुछ आरोपियों से मंगलवार को अदालत के परिसर में वकीलों के एक समूह ने मारपीट की। इस बीच, मद्रास उच्च न्यायालय वकील संघ (एमएचएए) के अध्यक्ष जी मोहनकृष्णन ने बताया कि संघ ने कथित अपराध की प्रकृति पर विचार करते हुए मामले में आरोपियों की ओर से पैरवी ना करने का फैसला किया है।
ज्ञात हो कि गौरतलब है कि एक अपार्टमेंट में लड़की से बार-बार कई व्यक्तियों द्वारा यौन शोषण करने की घटना को लेकर काफी जन आक्रोश है। आरोपी जब महिला अदालत की सीढ़ियों से नीचे आ रहे थे तो वकीलों का गुस्साया समूह उन पर झपट पड़ा। आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अदालत परिसर में ड्यूटी पर तैनात महिला कांस्टेबल आरोपियों को हमले से बचा नहीं पाई।
अदालत परिसर में तनाव उत्पन्न होने के कारण आठ आरोपियों को भूतल पर तृतीय अतिरिक्त पारिवारिक अदालत के भीतर ले जाया गया जबकि बाकी नौ आरोपियों को वापस महिला अदालत में भेजा गया। इससे पहले 17 आरोपियों को महिला अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें 31 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।