लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनाव के मददेनजर अब बहुजन समाज पार्टी ने कस ली है अपनी कमर। जिसके तहत वो बहुत ही सधे अंदाज में अपनी रणनीति पर काम कर रही है। इसी के चलते अब वो एक बार फिर अपने बागी पुराने दिग्गज और अनुभवी नेताओं पर बखूबी ध्यान देना शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रियता को देखते हुए अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। बसपा ने अपने पुराने और बागी नेताओं से संपर्क करना शुरू दिया है, ताकि उनके अनुभवों का इस्तेमाल चुनाव में किया जा सके। वहीं, बसपा ने अपने संगठन में निष्क्रिय नेताओं को किनारे करने और बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए रणनीति तैयार की है।
ज्ञात हो कि हाल ही में बसपा प्रमुख मायावती ने पहले यह बयान देकर सबको चौंका दिया था कि इस साल दिसंबर में लोकसभा चुनाव हो सकते हैं। लिहाजा अब बसपा कैडर अपने सुप्रीमो के आदेश के बाद अभी से चुनाव की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए मायावती ने राष्ट्रीय और प्रदेश संगठन में बदलाव करने के बाद मंडलीय सम्मेलनों की शुरुआत कर दी है।
इतना ही नही बल्कि जल्द बूथ स्तर तक टीमें उतारने के निर्देश हैं। पार्टी बूथ स्तर पर ज्यादा से ज्यादा युवाओं को तवज्जो देकर उन्हें सक्रिय करने में जुटी है। पहली बार अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए बसपा ने पुराने और बागी नेताओं के लिए फिर से पार्टी के दरवाजे खोलने की पहल की है।
जानकारों के अनुसार पिछले कुछ सालों में जिस तरह से बसपा के तमाम अनुभवी और दिग्गज नेता एक एक करके पार्टी छोड़ कर गये उससे पार्टी को काफी नुक्सान झेलना पड़ा था। संभवतः पार्टी अब फिर से अपने पुराने तेवर और कलेवर में आना चाहती है जिसके चलते वो वह अपने उन पुराने नेताओं की वापसी को लेकर बेहद गंभीर है और इसके लिए गंभीरता से कोशिश भी कर रही है ।