डेस्क। एक महा कवि की सबसे बड़ी और अहम दौलत। तमाम लोगों की उनके प्रति बेपनाह मुहोब्बत।। जिसकी बानगी थी कि सैलाब बनकर उमड़ा चाहने वालों का मजमा। हर नम आंख पूछती थी कि यूं चले आप कहां, आप कहां।। एक विनम्र श्रद्धांजली के तौर पर मैं अपनी लिखी इन पंक्तियों को महाकवि जी को समर्पित करता हूं। दरअसल महाकवि गोपाल दास नीरज जी के आखिरी सफर का कुछ ऐसा ही मंजर था। उनके इस सफर में उनका हमसफर तकरीबन पूरा का पूरा शहर था।
गौरतलब है कि कुछ ऐसा माहौल था महाकवि नीरज की जनकपुरी का। उनको अंतिम विदाई देने के लिए जात-धर्म का बंधन तोड़कर पूरा अलीगढ़ उमड़ पड़ा। क्या आम क्या खास हर कोई जनकपुरी की तरफ खिंचा चला जा रहा था। जब महाकवि गोपालदास नीरज का पार्थिव शरीर दोपहर डेढ़ बजे के आसपास आगरा से उनके जनकपुरी आवास पर लाया गया। जहां पर पहले से पूरा अलीगढ़ और आसपास के शहरों और दूरदराज़ से आये लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रहे थे।
जनकपुरी आवास पर शव के पहुँचते ही लोगों की आंखों से आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा फिजा नीरज जी अमर रहें के नारे से गूंजने लगी। उनके आवास पर पहले शव को नहलाया गया उसके बाद राजकीय सम्मान के साथ उनके शव पर तिरंगा ओढ़ाया गया। सवा दो बजे नीरज को उनकी जनकपुरी से अंतिम विदाई दी गई।
नीरज जी को अंतिम विदाई उनके चाहने वालों ने अनोखे ढंग से दी। उनकी शवयात्रा में उनके द्वारा लिखे गए कालजयी गीत बजते रहे। मैरिस रोड होते हुए उनका पार्थिव शरीर नुमाइश मैदान के लिए निकला । इस दौरान एसबीआई तिराहे से सेंटर पॉइंट जाने वाले मार्ग से यातायात डायवर्ट किया गया। पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में उनका अंतिम कारवां नुमाइश मैदान की ओर बढ़ता चला गया।
दूसरी तरफ नुमाइश मैदान में स्थित कृष्णानजंलि में उनके अंतिम दर्शनों के लिए लोग पहुंच गए और उनके उनके पार्थिव शरीर के आने का इंतजार करने लगे। करीब सवा तीन बजे उनकी अंतिम यात्रा नुमाइश मैदान पहुंची।
इससे पूर्व महाकवि नीरज के प्रयाण के बाद उनका पार्थिव शरीर शनिवार की सुबह करीब आठ बजे उनकी बेटी कुंदनिका शर्मा के बल्केश्वर स्थित घर पहुंचा। यहां उनका शरीर करीब चार घंटे अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार अलीगढ़ में किया जाएगा। उनके अंतिम दर्शन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, कवि कुमार विश्वास, डीएम और एसएसपी आगरा पहुंचे।
नीरज जी के पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए लोगों का आना सुबह से ही शुरू हो गया था। करीब 9 बजे कवि कुमार विश्वास भी यहां पहुंचे। इससे पहले डीएम एनजी रवि कुमार और एसएसपी अमित पाठक ने पुष्पचक्र चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।