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विरोध-प्रदर्शन के दौरान शिक्षामित्र महिलाओं ने सिर मुंडवाया, पुरूषों ने उतारे जनेऊं

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लखनऊ। प्रदेश सरकार द्वारा समायोजन रद्द किये जाने के फैसले के खिलाफ आज शिक्षा मित्रों ने राजधानी लखनऊ के ईको पार्क में काला दिवस मनाया। इस दौरान जहां उन्होंने सिर मुंड़वा कर तथा जनेऊ उतार कर अपना विरोध दर्ज कराया हालांकि सिर मुंड़वाने में कुछ महिला शिक्षामित्र भी शामिल हैं।

गौरतलब है कि सरकार ने 25 जुलाई, 2017 में समायोजन रद्द कर दिया था। इस दिन सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक बनाए गए 1.70 लाख शिक्षामित्रों के समायोजन को असंवैधानिक करार दिया था।

ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद लाखों शिक्षामित्र निराश हुए थे। सैकड़ों शिक्षामित्रों ने आत्महत्या भी कर ली थी। फैसले के बाद लखनऊ के लक्ष्मण मेला ग्राउंड पर 38 दिनों तक लगातार धरना प्रदर्शन का दौर चला था।

इतना ही नही साल भर चले आंदोलन के दौरान अब तक 500 से ज्यादा शिक्षामित्रों की जान जा चुकी है। आपको बता दे कि इसी कड़ी में लखनऊ के एनेक्सी भवन में 13 जून को सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिक्षामित्रों के 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी।

हालांकि इस बैठक के बाद उम्मीद कि जा रही हैं कि शिक्षामित्रों की समस्या का जल्द ही समाधान होगा। बुधवार (25 जुलाई)को समायोजन रद्द होने के एक साल के अवसर पर शिक्षामित्र काला दिवस के रूप में मना रहे हैं। राजधानी लखनऊ में शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द करने के विरोध में सैकड़ों शिक्षामित्र महिलाओं ने आज मुंडन करवाया। उनकी मांग है कि शिक्षामित्र मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।

बताया जाता है कि शिक्षामित्रों की मांग है कि उन्हें स्थाई शिक्षक बनाया जाए। उनका मांग है कि जिन शिक्षामित्रों में टीईटी पास की है, उन्हें बिना लिखित परीक्षा के नियुक्ति दी जाए। इसके अलावा असमायोजित शिक्षामित्रों के लिए भी सरकार कोई समाधान निकाले। प्रदेश में 1 लाख 70 हजार शित्रामित्रों की संख्या है। शिक्षामित्र मानदेय बढ़ाने मांग और नई ट्रान्सफर नीति का भी विरोध कर रहे हैं।

जबकि कोर्ट के इस फैसले से पहले शिक्षामित्रों को प्रतिमाह मिल रही 38, 848 रुपए सैलरी मिल रही थी, लेकिन, कोर्ट ने इसे घटाकर 3500 रुपये कर दी थी। योगी सरकार ने शिक्षा मित्रों को वेतन बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया था।

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