डेस्क्। मोदी सरकार की तमाम कोशिशों का असर अब सामने आने लगा है जिसके तहत पहली अहम खबर ये है कि देश के बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगा कर भागन वाला विजय माल्या न सिर्फ देश वापस आने को तैयार है बल्कि तमाम कानूनी कारवाई का सामना करने को भी तैयार है। बताया जाता है कि माल्या ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों से भारत आने की इच्छा जाहिर की है।
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों को भारत की विधि प्रक्रिया से बचने से रोकने, उनकी सम्पत्ति जब्त करने और उन्हें दंडित करने के प्रावधान वाले भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक 2018 को लोकसभा में पारित कर दिया।
इसके तहत भगोड़ा आर्थिक अपराध करने वाले भगोड़ों की देश के भीतर और बाहर सभी बेनामी संपत्तियां जब्त की जाएगी। भगोड़ा आर्थिक अपराधी ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्होंने अनुसूचित अपराध किया है और ऐसे अपराध किए हैं जिनमें 100 करोड़ रुपए या उससे अधिक की रकम सम्मिलित है।
हालांकि माल्या के इस नए बयान से बहुत से लोगों ने हैरानी प्रकट की है कि कैसे कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए कभी देश छोड़कर भागने वाला शख्स, अब भारत आकर मुकदमें का सामना करने के लिए तैयार है।
ज्ञात हो कि अप्रैल में इस अध्यादेश के प्रभाव में आने के बाद ईडी ने सबसे पहली कार्रवाई माल्या के खिलाफ ही की। इस साल जून में ईडी ने स्पेशल प्रिवेंशन मनी लॉन्डरिंग एक्ट (पीएमएलए) कोर्ट में अर्जी देकर माल्या को फ्यूजिटिव इकोनॉमिक अफेंडर घोषित करने की मांग की थी। ईडी की याचिका पर मुंबई में भगोड़े कारोबारी को समन भेजकर 27 अगस्त तक पेश होने के लिए कहा था।