नई दिल्ली। बीते कुछ सालों से बॉलीवुड की फिल्मों में बायोपिक बनाने का जैसे ट्रेंड सा चल गया है। यह फिल्में देश के जाने माने चेहरों पर बनाई जाती है। इसी क्रम में माना जा रहा है कि अब पीएम मोदी और केजरीवाल के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जिंदगी पर भी फिल्म बनने जा रही है। दरअसल फिल्म ‘जिला गोरखपुर’ का फर्स्ट लुक जारी किया गया है और यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। कहा जा रहा है कि यह फिल्म योगी आदित्यनाथ की वायोपिक है।
गौरतलब है कि फिल्म ‘जिला गोरखपुर’ का पोस्टर सामने आया है। यह फिल्म नॉस्ट्रम इंटरटेनमेंट के तहत बन रही है। इसका फर्स्ट लुक रिलीज कर दिया गया है। पोस्टर में एक भगवाधारी शख्स खड़ा दिखाई दे रहा है। जो उगते सूर्य को देखता है। साथ में दाई तरह एक बछड़ा नजर आ रहा है। इस पोस्टर में भगवाधारी शख्स का लुक यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तरह दिखाई दे रहा है।
ऐसा कहने की सबसे बड़ी वजह है फिल्म का पहला पोस्टर। जी हां, फिल्म के पोस्टर में भगवा रंग के कपड़े पहने एक व्यक्ति खड़ा और उसके बगल में एक गाय भी है। पोस्टर में शख्स को पिछला हिस्से से दिखाया गया है। पोस्टर को देखने पर साफ अंदेशा लगाया जा सकता है कि इस शख्स का लुक काफी हद तक योगी आदित्यनाथ जैसा ही है।
वहीं सबसे हैरान और परेशान करने वाली बात है पोस्टर में भगवाधारी शख्स के हाथ में बंदूक। पोस्टर में बंदूक दिखाए जाने का मतलब लोगों को समझ नहीं आ रहा है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यह फिल्म योगी आदित्यनाथ की बायोपिक है। खैर यह तो फिल्म के रिलीज होनें के बाद ही साफ हो पाएगा। बता दें कि, ‘जिला गोरखपुर’ को विनोद तिवारी डायरेक्ट कर रहे हैं।
लेकिन फिर भी पोस्टर को देखकर यही कयास लगाए जा रहे हैं कि नॉस्ट्रम इंटरटेनमेंट के तहत बन रही यह अपकमिंग फिल्म सीएम योगी आदित्यनाथ की बायोपिक होगी। पोस्टर में गोरखपुर के कुछ खास इलाके को दिखाने का प्रयास किया है। पोस्टर में गोरखपुर की मुख्य पहचान गोरखनाथ मंदिर की झलक भी इसमें दिखाई गई है।
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्म भले ही उत्तराखंड में हुआ है लेकिन उत्तर प्रदेश से योगी आदित्यनाथ का नाता सालों से हैं। योगी आदित्य नाथ का असली नाम अजय सिंह बिष्ट है। 26 साल की उम्र में पहली बार संसद पहुंचने वाले योगी आदित्यनाथ की कहानी दिलचस्प है। गोरखपुर से वह कई बार सांसद रहे हैं। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के पहले भी वह गोरखपुर के सांसद थे।