नई दिल्ली। देश में बहुचर्चित और बहुप्रतीक्षित एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 मामले में आज केंद्रीय कैबिनेट से संशोधन को मंजूरी दे दी है। अब इसी सत्र में संसोधित बिल संसद में पेश किया जाएगा।
गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी एक्ट को लेकर नई गाइडलाइन जारी की थी, जिसके तहत एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी नहीं होगी। हालांकि देश भर में इस फैसले का कड़ा विरोध हुआ था।
ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस फैसले में कहा गया था कि एससी एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी नहीं होगी। इसके पहले आरोपों की डीएसपी स्तर का अधिकारी जांच करेगा. यदि आरोप सही पाए जाते हैं तभी आगे की कार्रवाई होगी।
जबकि वहीं इस बाबत सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके गोयल और यूयू ललित की बेंच ने गाइडलाइन जारी करते हुए कहा था कि संसद ने यह कानून बनाते समय नहीं यह विचार नहीं आया होगा कि अधिनियम का दुरूपयोग भी हो सकता है।
लेकिन देशभर में ऐसे कई मामले सामने आई जिसमें इस अधिनियम के दुरूपयोग हुआ है। एनसीआरबी 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में जातिसूचक गाली-गलौच के 11,060 मामलों की शिकायतें सामने आई थी. इनमें से दर्ज हुईं शिकायतों में से 935 झूठी पाई गईं।