नई दिल्ली। तमाम पेंचोखम और अपने ऊपर लग रहे आरोपों को देखते केन्द्र सरकार ने अब अपना सोशल मीडिया पर नजर रखने का इरादा बदल दिया है दरअसल आज केंद्र सरकार ने यू-टर्न लेते हुए उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह सोशल मीडिया हब बनाने के प्रस्ताव वाली अपनी अधिसूचना को वापस ले रही है।
गौरतलब है कि आज प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल की इस दलील पर विचार किया कि अधिसूचना को वापस लिया जा रहा है। इसके बाद न्यायालय ने इसे चुनौती देने वाली याचिकाओं का निस्तारण कर दिया।
वहीं जबकि वेणुगोपाल ने पीठ को बताया कि सरकार सोशल मीडिया नीति की पूरी तरह समीक्षा करेगी। पीठ तृणमूल कांग्रेस के विधायक महुआ मोइत्रा की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया गया है कि केंद्र की सोशल मीडिया हब नीति का नागरिकों की सोशल मीडिया गतिविधियों पर निगरानी रखने के औजार के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। याचिका में इसे रद्द करने का अनुरोध किया गया था।
ज्ञात हो कि उच्चतम न्यायालय ने 13 जुलाई को यह याचिका विचारार्थ स्वीकार करते हुये सरकार से कहा था कि ऐसा हब बनाने का उसका कदम क्या लोगों के व्हाट्सएप संदेशों पर नजर रखने के लिए है और उसने कहा था कि यह ‘‘सर्विलांस स्टेट’’ बनाने जैसा होगा।