Wednesday , April 24 2024
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ध्वस्त हुआ बांध एल्गिन-चरसड़ी, अवध के कई जिलों में आफत बढ़ी

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लखनऊ। प्रदेश में हर बार की तरह इस बार भी एल्गिन चरसड़ी बांध अवध के लिए भारी मुसीबत का सबब बन गया है। क्योंकि इस एल्गिन चरसड़ी बांध के ढह जाने से अवध के कई जिलों में जल-प्रलय के हालात नजर आ रहे हैं। इसके चलते खासकर  गोंडा व बाराबंकी के जिलों के गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।

हालांकि दो दिन पूर्व स्थानीय प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर चले जाने व चौकन्ना रहने की अपील की थी। जिससे तमाम ग्रामीण पहले ही अपना सामान सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के साथ खुद सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे। शुक्रवार को बांध ध्वस्त होने के बाद आस-पास के गांव में कोहराम मच गया।

सूचना मिलने के बाद जिले के प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी, जिलाधिकारी कैप्टेन प्रभांशु श्रीवास्तव सहित जिले के तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य के साथ राहत कार्य के लिए सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट करते हुए तत्काल प्रभाव से चौकियों पर तैनात कर्मचारियों को चौकी पर मुस्तैद रहने के निर्देश दिए।

बताया जा रहा है कि यदि घाघरा के बढ़ने का सिलसिला जारी रहा तो बाढ़ से करीब 102 ग्राम पंचायतों के करीब 640 मजरे है जो बाढ़ से प्रभावित होंगे। इनके आस पास के अन्य गांव भी इसके चपेट में आ सकते है। इन गांवों के चपेट में आने से करीब सवा लाख की आवादी प्रभावित होगी। और हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि जल मग्न हो जायेगीं।

वहीं बहराइच में भारी बारिश के चलते घाघरा और सरयू नदियां उफान पर आ गई हैं। घाघरा नदी का जलस्तर 2 सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। एल्गिन ब्रिज पर नदी खतरे के निशान से 16 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। मिहींपुरवा का छंगापुरवा गांव उफनाई घाघरा से बाढ़ की चपेट में आ गया है।गिरगिट्टी गांव में कटान के चलते 8 ग्रामीणों के मकान नदी में समाहित हो गए हैं। बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट किया गया है। वहीं बैराजों का भी जलस्तर बढ़ने लगा है।

इसके साथ ही तराई में हो रही भारी बारिश के साथ ही नेपाल के पहाड़ों पर भी मूसलाधार बरसात हो रही है। इसका असर नदियों पर देखने को मिल रहा है। घाघरा नदी का जलस्तर अचानक तेजी से बढ़ने लगा है। एल्गिन ब्रिज पर घाघरा का जलस्तर 106.236 मीटर रिकॉर्ड हुआ। केंद्रीय जल आयोग घाघराघाट के मुताबिक नदी का जलस्तर 2 सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। इसके चलते महसी, कैसरगंजऔर मिहींपुरवा तहसील क्षेत्रों में नदी के किनारे बसे गांवों के ग्रामीण दहशत में आ गए हैं। पशुओं के लिए चारे की भी समस्या हो रही है।

इसके अलावा मिहींपुरवा में तो घाघरा उफान पर आ गई है। यहां छंगापुरवा गांव के निवासी उफनाई घाघरा के पानी से घिरने से 16 परिवार फंसे थे। इसकी सूचना तहसील को दे दी गई है। लेकिन लगातार हो रही बारिश के चलते प्रशासन की ओर से उनको मदद पहुंचाने में देरी हुई। उधर, नदी ने कटान भी शुरू कर दिया है। गिरगिट्टी निवासी मेवालाल यादव, बनवारी लाल, दादाराम, बद्री, काशी, हरी, मौजीलाल, मुंशीलाल के मकान नदी की कटान में समाहित हो गए।

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