लखनऊ। हलाला के घिनौने और खौफनाक मंजर से दो-चार हो चुकीं तमाम पीड़िताओं की आप बीती सुनने के बाद राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष तनवीर हैदर उस्मानी का कहना है कि तीन तलाक और हलाला किसी कुरीति से कम नहीं है। खासकर हलाला औरतों के लिए वेश्यावृत्ति की तरह है। इसमें शरीयत के नाम पर महिलाओं से जबरन वेश्यावृत्ति कराई जा रही है।
गौरतलब है कि कभी ससुर, देवर तो कभी मौलवी के साथ हलाला का दर्द सह चुकी महिलाएं इंसाफ की आस में बुधवार को राज्य अल्पसंख्यक आयोग पहुंची। बरेली की स्वयं सेवी संस्था की फरहत नकवी व तीन तलाक पीड़ित निदा खान समेत आधा दर्जन महिलाओं ने आयोग के अध्यक्ष तनवीर हैदर उस्मानी को हलफनामा देकर इन कुरितियों को खत्म करने की मांग की।
अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष तनवीर हैदर उस्मानी ने कहा कि हैरान करने वाली बात ये है कि तीन तलाक और हलाला पीड़िताओं की इस पीड़ा पर मुस्लिम धर्म गुरुओं से लेकर मुस्लिम संगठन खामोश हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसी संस्थाएं बेकार साबित हो रही हैं। इन महिलाओं के केस से जुड़ी एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
जिसको जल्द ही मुख्यमंत्री योगी के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। ताकि इनको इंसाफ मिल सके। साथ ही तीन तलाक पर जल्द बिल पास करने के लिए सरकार को भी पत्र लिखा जाएगा। इस मौके पर अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य कुंवर इकबाल, सोफिया अहमद, सुख दर्शन सिंह बेदी, सरदार परविंदर सिंह, मनोज कुमार मसीह मौजूद रहे।
ज्ञात हो कि तीन तलाक का दर्द पहले से क्या कम था कि हलाला के जख्म ने महिलाओं को तोड़ना शुरू कर दिया है। कभी ससुर, देवर तो कभी मौलवी के साथ हलाला का दर्द सह चुकी महिलाएं इंसाफ की आस में बुधवार को राज्य अल्पसंख्यक आयोग पहुंची। बरेली की पीड़िताओं ने आयोग के समक्ष आपबीती सुनाई।